सीकर

कोरोना के बाद आई एक और बड़ी आपदा…इस बार घरों की बालकनी से नहीं खेतों में बज रहीं थालियां

पाकिस्तान से आई आपदा भारत के लिए बड़ी चिंता

सीकरMay 27, 2020 / 08:07 pm

Gaurav

कोरोना के बाद आई एक और बड़ी आपदा…इस बार घरों की बालकनी से नहीं खेतों में बज रहीं घंटियां

सीकर. पाकिस्तान में तबाही मचाने के बाद यह आपदा हमारे देश और विशेषकर राजस्थान में लोगों को परेशान कर रही है। दरअसल पड़ोसी देश से टिड्डियों का हमला ऐसे समय में हुआ है जब देश पहले से ही कोरोना वायरस महामारी की चपेट में हैं और इससे जूझ रहा है।
किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें
राजस्थान के शेखावाटी इलाके में नागौर सीमा से दो टिड्डी दलों ने प्रवेश किया। सीकर के कस्बे लोसल से बड़ का चारणवास होते हुए बाय व पचार तक पहला टिड्डी दल पहुंचा तथा दूसरे दल ने भारिजा से प्रवेश किया जिसके मंडा, सुरेरा में पड़ाव डालने की सूचना है। टिड्डी दल के हमले की सूचना के बाद किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं।

थाली और बर्तन बजाए
पहले टिड्डी दल द्वारा प्रवेश किए जाने व पचार तक पहुंचने पर किसानों ने व महिलाओं ने थाली व बर्तन बजाकर टिड्डी दल को भगाने का प्रयास किया। मंडा सुरेरा में किसानों ने ट्रैक्टर पर स्प्रे मशीनों की व्यवस्थाएं की है तथा टिड्डी दल को भगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दांतारामगढ़, खाचरियावास क्षेत्र टिड्डियों से ज्यादा प्रभावित हो रहें हैं।
1987 के बाद बड़ा हमला
बड़े-बुजुर्गों के मुताबिक सन् 1987 के बाद इस क्षेत्र में टिड्डी दल देखने को मिल रहे हैं। यह दल पेड़-पौधों व फसलों को नुकसान पहुंचा रहें हैं। किसान व पशुपालकों की शत्रु माने जानेवाले ये टिड्डी दल मई में ही हमलावर हो गए हैं। यह दल यहां चार किलोमीटर तक टिड्डी दल इस क्षेत्र की ओर से गुजरा था। तीन दिन के बाद फिर दूसरी बार इसी क्षेत्र में दो टिड्डी दलों के प्रवेश ने किसान व आमजन की चिंता और बढ़ा दी है।
गहराएगा आर्थिक संकट
अगर बार-बार ऐसा रहा तो किसानों की फसलों को नुकसान होने लगेगा, जिससे वैश्विक महामारी के साथ-साथ टिड्डियों से भी आर्थिक संकट के बादल गहरा सकते हैं। इसके लिए सरकार को किसानों व आमजन की बढ़ती चिंताओं व टिड्डियों के रोकथाम के प्रति उपाय करने की आवश्यकता है।
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