-अमरीका में हुए एक शोध में सामने आया कि एक मां सप्ताह में 97 घंटे अपने बच्चों की देखभाल करती हैं
मां होना दो फुल-टाइम नौकरी करने के बराबर है-शोध
हाल ही हुए एक नए शोध के अनुसार होम मेकर्स के तौर पर घर का काम संभालने वाली महिलाएं बाहर निकलकर काम करने वाले स्त्री-पुरुषों से ज्यादा काम करती हैं। इस चौंकाने वाले शोध में सामने आया कि ड्राइवर, शेफ, मैनेजर और शिक्षक के रूप में काम करने वाले लोगों की तुलना में होम मेकर्स सप्ताह में 97 घंटे से भी ज्यादा समय तक काम करती हैं। दरअसल अमरीका में स्कूली बच्चों और 2 हजार मांओं पर किए गए इस सर्वे में बच्चों की परवरिश, उनके पालन-पोषण, लाइफ कोच, होमवर्क करवाना और उनके साथ खेलने के अलावा घर के अन्य जरूरी कामों में महिलाओं की भूमिका का अध्ययन किया गया था। कैम्पबेल वैलयस और वन पोल की ओर से आयोजित इस सर्वे में सामने आया कि 53 फीसदी अमरीकी माताओं ने बच्चों के साथ समय बिताने के चलते पर्याप्त नींद नहीं ले पाना स्वीकारा, जबकि 47 फीसदी ने कहा कि वे बच्चों की देखभाल के चलते रात को सो नहीं पातीं और अपनी हॉबीज के लिएसमय नहीं निकाल पातीं।
47 फीसदी ने यह भी कहा कि वे अपनी दोस्तों के साथ बाहर घूमने-फिरने और खरीदारी के लिए भी नहीं जा पातीं। ऐसे ही 62 फीसदी ने कहा कि उनके पास आराम से खाना खाने का भी समय नहीं होता। जबकि अपने बेहद व्यस्त दिनचर्या के चलते 53 फीसदी ने माना कि वे पौष्टिक खाना नहीं खा पाती हैं। वहीं 69 फीसदी ने कहा कि वे अपने बच्चों की देखभाल के लिए और भी समय देना चाहेंगी। कैम्पबेल कंपनी के मुख्य विपणन अधिकारी डिएगो पामेरी ने कहा कि सप्ताह के हर दिन माताएं अपने बच्चों के लिए खाना बनाने में अपने जीवन के 46 मिनट, उनके कपड़े धोने में 44 मिनट और 29 मिनट उनका होमवर्क कराने में बिताती हैं।
उनके इस साप्ताहिक 97 घंटों से भी ज्यादा की सेवा के बदलह्य शोध के अनुसार उन्हें कम से छह-आंकड़ों का वेतन बनता है। इस हिसाब से सालाना करीब 100,460 अमरीकी डॉलर (76,17,982 रुपए)। इसे शोधकर्ताओं ने पैरेंटिंग खर्च कहा। एक पूर्ण या अंशकालिक नौकरी के हिसाब से सर्वे में शामिल 70 प्रतिशत माताओं के लिए, यह राशि उनके द्वारा किए जाने वाले सभी कामों के नियमित वेतन के अतिरिक्त देनी होगी।