scriptBig Negligence : न सत्यापन हुआ न ही आंखों की जांच और बच्चों की जिंदगी लगा रहे दांव पर | Big Negligence : School vehicles running on road against rules | Patrika News
छिंदवाड़ा

Big Negligence : न सत्यापन हुआ न ही आंखों की जांच और बच्चों की जिंदगी लगा रहे दांव पर

नियम विरुद्ध चालक सडक़ पर दौड़ा रहे स्कूल वाहन

छिंदवाड़ाSep 23, 2019 / 12:51 pm

Rajendra Sharma

निजी स्कूल संचालकों की लापरवाही
छिंदवाड़ा/ स्कूल बस, वैन और ऑटो का चालक कौन है, उस पर कितने अपराध दर्ज हैं और वह कहां रहता है। वाहन चलाने का कितना अनुभव है, इस तरह के तमाम सवालों के जवाब निजी स्कूल प्रबंधन के पास नहीं हैं। परिवहन विभाग और पुलिस को कोई जानकारी नहीं है। स्कूलों का आधा सत्र बीत चुका है, लेकिन अभी तक किसी भी वाहन चालक का सत्यापन नहीं कराया गया है। कुछ स्कूल में दिखावे के लिए पर्चे जरूर चिपका दिए गए हैं, इस तरह की लापरवाही किसी भी वक्त भारी पड़ सकती है।
स्कूली वाहन को लेकर हर वर्ष गाइडलाइन जारी की जाती है। स्कूल बसों से लेकर छोटे वाहनों की पूरी जानकारी स्कूल प्रबंधन को ही रखनी होगी, यह इसी वर्ष तय किया गया। इसके अलावा हर वर्ष वाहन के चालक का पुलिस सत्यापन और चिकित्सकीय जांच के निर्देश भी हैं। स्कूल तक बच्चों को लाने और ले जाने वाले प्रत्येक वाहन और उसके चालक की पूरी जानकारी स्कूल प्रबंधन के पास होनी चाहिए। सत्यापन कराने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है, लेकिन आधा शिक्षा सत्र बीतने के बाद भी अभी तक किसी भी स्कूल के वाहन चालकों का न तो पुलिस सत्यपान हुआ है और न ही चिकित्सकीय जांच। स्कूलों के लिए कितने वाहन दौड़ रहे हैं और उन्हें कौन चला रहा है इसकी पूरी जानकारी न तो स्कूलों के पास है और नही पुलिस के पास। किसी बड़े हादसे या फिर वारदात के बाद प्रशासनिक अमला जागता है, इसके पहले कोई भी गम्भीरता से ध्यान नहीं देता।
सत्यापन और चिकित्सकीय जांच जरूरी

परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि प्रत्येक स्कूल वाहन के संचालक का पुलिस सत्यापन किया जाना चाहिए। हर छह माह में वाहन चालक का चिकित्सकीय परीक्षण कराना भी अनिवार्य है। अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सुनील कुमार शुक्ला अपने विभागीय अधिकारी के आदेश का पालन कराने में विफल है। पुलिस और स्कूल संचालकों ने तो नियमों को ठेंगा दिखा दिया है। मनमर्जी अभी भी बकायदा जारी है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
30 सितम्बर समय सीमा तय

जिले के सभी स्कूल प्रबंधन को 30 सितम्बर तक का समय दिया गया है जिसमें वाहन चालक का पुलिस सत्यापन से लेकर अन्य निर्देशों का पालन करना है। स्कूल तक आने वाले प्रत्येक वाहन के चालक का सत्यापन की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है। समय सीमा के बाद जांच और कार्रवाई शुरू की जाएगी।
-सुदेश कुमार सिंह, डीएसपी, ट्रैफिक, छिंदवाड़ा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो