scriptजन्मदिन- कलम से शब्द नहीं अहसास लिखती थीं “अमृता प्रीतम”  | Birthday Special - Amrita Pritam is remembered for her immortal literature | Patrika News

जन्मदिन- कलम से शब्द नहीं अहसास लिखती थीं “अमृता प्रीतम” 

Published: Aug 30, 2015 10:40:00 pm

उन्होंने 1936 में प्रीतम सिंह से विवाह कर अपना नाम अमृता कौर से अमृता प्रीतम कर लिया।

Amrita Pritam

Amrita Pritam

अमृता प्रीतम का नाम भारतीय महिला साहित्यकारों में प्रथम श्रेणी में रखा जाता है। गुलाम भारत को आजादी मिलने और उसके बंटवारे पर लोगों के दर्द को लिखने के लिए उन्हें याद किया जाता है।

आज ही के दिन 31 अगस्त 1919 को पंजाब में जन्मी अमृता कौर को बचपन से ही लिखने का शौक था। शुरूआत में उन्हें खुशनुमा कविताएं लिखने के लिए पहचान मिली लेकिन आजादी मिलने के दौरान हुए बंटवारे ने उन्हें दर्द से भर दिया। बंटवारे के दौरान हिन्दुओं, सिखों और मुसलमानों के दर्द को लेकर उन्होंने पिंजर उपन्यास लिखा जिस पर उन्हें सराहना मिली।

उन्होंने 1936 में प्रीतम सिंह से विवाह कर अपना नाम अमृता कौर से अमृता प्रीतम कर लिया। उन्होंने 50 से अधिक उपन्यास, कहानी संग्रह और कविता संग्रह लिखे। भारतीय साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें पद्मविभूषण पुरस्कार से भी नवाजा गया। लंबी बीमारी के चलते 31 अक्टूबर 2005 को उनकी मृत्यु हो गई।
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