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ये है बॉबी की कहानी : जब राजकपूर को पत्नी के गहने तक बेचने पड़े

-किसी बड़े स्टार को देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, तब ऋषि कपूर को लेना पड़ा

Apr 30, 2020 / 03:42 pm

pushpesh

ये है बॉबी की कहानी : जब राजकपूर को पत्नी के गहने तक बेचने पड़े

बॉबी के सैट पर ऋषि कपूर और डिंपल के साथ राजकपूर।

मुंबई .

बॉलीवुड के पहले शो मैन माने जाने राज कपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को लांच करने के लिए नहीं बल्कि कर्ज से बाहर निकलने के लिये बॉबी बनाई थी। ऋषि कपूर ने यूं तो अपने सिने करियर की शुरूआत अपने पिता की निर्मित फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ से की। वर्ष 1970 में प्रदर्शित इस फिल्म में ऋषि कपूर ने 14 वर्षीय लडक़े की भूमिका निभाई जो अपनी शिक्षिका से प्रेम करने लगता है। अपनी इस भूमिका को ऋषि कपूर ने इस तरह निभाया कि दर्शक भावविभोर हो गए।
फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए। मेरा नाम जाकर भारतीय सिनेमा इतिहास में मील का पत्थर मानी जाती है लेकिन उन दिनों फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नकार दी गई थी। इस फिल्म को पूरा करने में काफी समय लगा था। बताया जाता है कि राज कपूर को अपनी पत्नी के गहने भी बेचने पड़े थे। राजकपूर पर काफी कर्ज हो गया था। राज कपूर ने कर्ज से बाहर निकलने के लिये कम बजट की फिल्म बॉबी बनाने का निर्णय लिया।
मील का पत्थर साबित हुई बॉबी
टीनएज प्रेम कथा पर आधारित वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म बॉबी के लिए राजकपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर और 16 साल की ङ्क्षडपल कपाडिय़ा को चुना था। बतौर अभिनेत्री ङ्क्षडपल कपाडिय़ा की भी यह पहली ही फिल्म थी। बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने न सिर्फ ङ्क्षडपल कपाडिय़ा बल्कि ऋषि कपूर को भी शोहरत की बुंलदियों पर पहुंचा दिया। राज कपूर पर चढ़ा कर्ज भी उतर गया।

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