She News : बेटियों के लिए निशुल्क बुक बैंक
प्रेरणा: अम्बिकापुर की 56 वर्षीय प्रेमलता गोयल ने तीन वर्ष पहले बुक बैंक शुरू किया, जिसमें जरूरतमंद बच्चों को किताबें निशुल्क पढ़ने के लिए दी जाती हैं। इसमें दस हजार से अधिक किताबें हैं जो कि कक्षा एक से लेकर कॉलेज स्तर तक की हैं।

रायपुर. बालिका शिक्षा के लिए वर्ष 2006 से ही कुछ करना चाहती थी, लेकिन उस समय जिम्मेदारियों के चलते यह संभव नहीं हो पाया। मेरी बेटी जब इंजीनियरिंग पढ़ रही थी, तो अक्सर मैं देखा करती थी कि जब वह परीक्षा पास करके अगली कक्षा में चली जाती, तो उसकी किताबें लेने के लिए कई जरूरतमंद लड़कियां आती थीं। बस यहीं से मेरे मन में जरूरतमंद बेटियों के लिए एक ऐसा बैंक बनाने की सूझी जो उन्हें पढ़ाई में मदद कर सके। यह कहना है अम्बिकापुर की 56 वर्षीय प्रेमलता गोयल का।
उन्होंने तीन वर्ष पहले यह बुक बैंक शुरू किया, जिसमें जरूरतमंद बच्चों को किताबें निशुल्क पढ़ने के लिए दी जाती हैं। इसमें दस हजार से अधिक किताबें हैं जो कि कक्षा एक से लेकर कॉलेज स्तर तक की हैं। वे कहती हैं कि अब इस बुक बैंक से वे छात्राओं को ही नहीं, जरूरतमंद छात्रों को भी किताबें पढऩे के लिए देने लगी हैं। इसमें छात्र-छात्राएं स्वयं पुस्तकों का चयन करके रजिस्टर में अपना नाम अंकित करते हैं और उनसे एक फॉर्म भी भरवाया जाता है।
दान करने आने लगे पुस्तकें
प्रेमलता बताती हैं कि उनके बुक बैंक में किताबें अब अम्बिकापुर से ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों से भी आने लगी हैं। उनकी इस पहल के बारे में जानने के बाद लोग अब उनसे किताबें दान करने के लिए सम्पर्क करने लगे हैं। वे खुशी-खुशी ये किताबें दान करके जाते हैं, ताकि जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में ये काम आ सकें। इसके अलावा उन्होंने दो बालिकाओं को स्नातक तक पढ़ाई भी कराई है।
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