सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त करेंगे अध्यक्षता
आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। यह पता चला है कि केंद्र ने नामों को संक्षिप्त करना शुरू कर दिया है और जल्द ही परिसीमन आयोग को सूचित करेगा। उम्मीद है कि जम्मू और कश्मीर में अगले दौर का चुनाव केवल परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही होगा। आयोग का काम 2011 की जनगणना के आधार पर सीमाओं और निर्वाचन क्षेत्रों के आकार को फिर से परिभाषित करना है।
आयोग ने सदस्य को नामांकित किया
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा, “सीईसी सुनील अरोड़ा ने सुशील चंद्रा को जम्मू-कश्मीर के लिए प्रस्तावित परिसीमन आयोग में नामित किया है।” जबकि चुनाव आयोग ने अगस्त 2019 संसद जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 पारित किए जाने के कुछ दिनों बाद प्रस्तावित परिसीमन पर अपनी पहली बैठक आयोजित की थी। इसने कहा था कि परिसीमन प्रक्रिया को किकस्टार्ट करने के लिए केंद्र सरकार से एक संचार आवश्यक था और यहां तक की परिसीमन आयोग की स्थापना भी।
पीओकी २४ सीटें रहती हैं खाली
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार, एससी और एसटी के लिए उचित आरक्षण के साथ विधान सभा में सीटों की संख्या 107 से बढ़कर 114 हो गई है। लद््दाख की चार मिलाकर कुल ८७ थी। इसमें पाक अधिकृत कश्मीर की २४ सीटें भी शामिल हैं। पाकिस्तान का कब्जा होने के कारण इन पर चुनाव नहीं होते। चुनाव केवल ८७ विधानसभा सीटों पर ही होते हैं। बहुमत भी इन्हीं ८७ सीटों के आधार पर तय होता है। नई प्रक्रिया में ९० सीटें जम्मू कश्मीर और २४ पीओके की रिजर्व होंगी।