घर में आप जिस स्थान पर कलश की स्थापना करना चाहते हैं उस जगह की पहले अच्छे से सफाई कर लें, उस जगह को गंगा जल से पवित्र करने के बाद कलश की स्थापना करें। कलश की स्थापना करते वक्त साफ कपड़े और साफ बर्तनों की ही उपयोग करें। जमीन पर लकड़ी के ऊपर साफ लाल कपड़ा बिछाएं और उसके बाद मिट्टी के एक बर्तन में जौ बो दें और उसके बीच में कलश की स्थापना करें। कलश रखने के बाद उसको किसी बर्तन से ढक दें और कलश के ढक्कन पर चावल और गेहूं रखने के बाद उस पर नारियल रख दें। इस तरह से चैत्र नवरात्रों की कलश स्थापना पूरी हो जाएगी। कलश स्थापना के बाद वहां पर अखंड दीपक जला दें।
हिंदू धर्म के अनुसार,पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश की आराधना की जाती है। मां की दुर्गा की मूर्ति घर के मंदिर के बीच में स्थापित कर लीजिए और फिर साड़ी, चुनरी, आभूषण, सुहाग, रोली ,चावल, सिंदूर, माला और फूल से मां दुर्गा का श्रृंगार कीजिए। मां को रोज नवरात्रों में सुबह फल और मिठाई से भोग लगाना है। रोज सुबह दुर्गा चालीसा का पाठ कीजिए। रोज सुबह भगवान गणेश और मां दुर्गा की आरती से नवरात्र के व्रत की शुरुआत की जाती है। दिन में व्रत रखना है और शाम के समय में मां दुर्गा की पूजा करने के बाद अपना व्रत खोलना है।