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बस 10 मिनट में ऐसे करें चैत्र नवरात्र की पूजा, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

चैत्र नवरात्र के पहले दिन कलश की स्थापना करते हैं और फिर आने वाले नौ दिनों में मां की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

Mar 17, 2018 / 12:10 pm

Priya Singh

navratri
भारत में हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में नवरात्र एक प्रमुख त्योहार है। नवरात्र में देवी मां के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार ही चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है। इस साल चैत्र के नवरात्र रविवार 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं।
एक साल में दो बार नवरात्र की पूजा की जाती है। पहला चैत्र और दूसरा आश्विन माह में नवरात्र आते हैं। चैत्र के नवरात्र बसंत ऋतु में आते हैं इसलिए इन्हें वासंती नवरात्र भी कहा जाता है। इन नवरात्र में मां के इन अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता, मांकात्यायनी, मां शैलपुत्री, मांब्रह्मचारिणी, मां सिद्धिदात्रि, मांचंद्रघंटा, मांकुष्मांडा, मांकालरात्रि और मांमहागौरी। चैत्र के नवरात्र को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस दौरान साफ-सफाई और खान-पान पर खास ध्यान दिया जाता है। आज के समय में व्यापारियों और नौकरी करने वालों के पास समय की कमी होती है, जिस कारण वो ठीक से पूजा नहीं कर पाते हैं। आज हम ऐसे लोगों को कम समय में नियम से पूजा करने की विधि बता रहे हैं।
ऐसे करें कलश स्थापना…
घर में आप जिस स्थान पर कलश की स्थापना करना चाहते हैं उस जगह की पहले अच्छे से सफाई कर लें, उस जगह को गंगा जल से पवित्र करने के बाद कलश की स्थापना करें। कलश की स्थापना करते वक्त साफ कपड़े और साफ बर्तनों की ही उपयोग करें। जमीन पर लकड़ी के ऊपर साफ लाल कपड़ा बिछाएं और उसके बाद मिट्टी के एक बर्तन में जौ बो दें और उसके बीच में कलश की स्थापना करें। कलश रखने के बाद उसको किसी बर्तन से ढक दें और कलश के ढक्कन पर चावल और गेहूं रखने के बाद उस पर नारियल रख दें। इस तरह से चैत्र नवरात्रों की कलश स्थापना पूरी हो जाएगी। कलश स्थापना के बाद वहां पर अखंड दीपक जला दें।
ऐसे करें पूजा…
हिंदू धर्म के अनुसार,पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश की आराधना की जाती है। मां की दुर्गा की मूर्ति घर के मंदिर के बीच में स्थापित कर लीजिए और फिर साड़ी, चुनरी, आभूषण, सुहाग, रोली ,चावल, सिंदूर, माला और फूल से मां दुर्गा का श्रृंगार कीजिए। मां को रोज नवरात्रों में सुबह फल और मिठाई से भोग लगाना है। रोज सुबह दुर्गा चालीसा का पाठ कीजिए। रोज सुबह भगवान गणेश और मां दुर्गा की आरती से नवरात्र के व्रत की शुरुआत की जाती है। दिन में व्रत रखना है और शाम के समय में मां दुर्गा की पूजा करने के बाद अपना व्रत खोलना है।

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