डायपर बदलने के दौरान भी मांएं उचित साफ- सफाई का ध्यान नहीं रखती हैं और दूसरा डायपर पहना देती हैं। इस कारण भी रैशेज हो जाते हैं। ऐसे में बच्चे के शरीर का जो हिस्सा नैपी से ढका होता है, उसमें नमी आ जाती है। लगातार गीलेपन और नमी के कारण रैशेज के चलते कई बार बच्चों की नाजुक त्वचा में छोटे लाल-लाल दाने हो जाते हैं। यह बच्चों में चिड़चिड़ेपन का कारण भी बनते हैं। इस कारण बच्चे अक्सर रोते रहते हैं।
रैशेज होने पर यह करें बच्चे को रैशेज से बचाने के लिए साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। डायपर पहनाने से पहले बच्चे के नितंबों को अच्छे से साफ करें। बच्चे के किसी भी अंग में नमी नहीं रहनी चाहिए। इसके बाद कोई ऑयल या क्रीम लगाकर ही डायपर पहनाएं। नारियल का तेल या अच्छी डायपर रैशेज क्रीम लगा सकते हैं। बच्चे के शौच करने पर तुरंत डायपर बदलें।
रात में भी बदलें डायपर बच्चे को डायपर पहनाते समय हर चार घंटे बाद डायपर बदलें। यदि रात को सोते समय भी डायपर पहना रही हैं तो इस जिम्मेदारी को ध्यान से निभाएं। डायपर बदलने के दौरान उस भाग को अच्छी तरह से साफ भी करें। कोशिश करें कि बच्चे की साइज से बड़ा व ढीले डायपर का उपयोग करें। हमेशा बच्चे का डायपर साफ-सुथरा और सूखा रखें। जब भी संभव हो तो बच्चे को घर पर बनी लगोंट पहनाएं। कभी कभी बच्चे को कुछ देर बगैर डायपर के रहने दें। इससे बच्चा आराम महसूस करेगा।