सकारात्मक बदलाव ने की मदद
भूमि कहती हैं, ‘हालांकि सिनेमा के हर दौर में हमेशा ही कुछ फिल्में महिलाओं का प्रगतिशील चरित्र-चित्रण करने के लिए अलग से पहचानी जाती रही हैं। ऐसी फिल्में जरूर बनती थीं, जिनमें महिलाओं ने मजबूत किरदार निभाए हैं। मेरे एक्ट्रेस बनने से पहले ही सकारात्मक बदलाव शुरू हो चुका था और इस बदलाव ने यकीनन मेरी मदद की। आज ऑडियंस हीरोइन को महज ग्लैमर पैदा करने की निगाह से नहीं देखती। महिला एक्टर के रूप में मुझसे केवल यह अपेक्षा नहीं की जाती कि मैं फिल्म में सिर्फ ग्लैमर पैदा करने, किसी गाने में मौजूद रहने या तारीफ की कोई चीज बन कर रह जाऊं। इससे बढ़कर ऐसी कई बातें हैं, जो मैं किसी फिल्म में जोड़ती हूं।’
‘दर्शकों की शुक्रगुजार हूं’
‘मुझे लगता है कि अपनी कला के लिए सम्मान हासिल करने के लिए महिलाएं आज बेहतर मुकाम और मजबूत स्थिति में हैं। आप करीना कपूर (Kareena Kapoor Khan) को ही देख लीजिए, उन्होंने ‘चमेली’ फिल्म भी की है और ‘फेवीकॉल से’ डांस नंबर भी। आज अभिनेत्रियों के भूमिका के चुनाव पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि हर कोई बिल्कुल अलग और विविधतापूर्ण काम कर रहा है, जो अद्भुत है। आज मेरे जैसी एक्ट्रेस से लोग बड़ी अपेक्षा रखते हैं। यह मेरी विश्वसनीयता और सिनेमाई ब्रांड है। ऑडियंस ने मेरे कंधों पर जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसके लिए मैं बेहद शुक्रगुजार हूं। ऑडियंस आज बहुमुखी प्रतिभा को सेलीब्रेट करती है और इस दिशा में बढ़ता देख वाकई बहुत खुश हैं।’