नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने विचारधारा के आधार पर कॉलेज शिक्षकों के स्थानांतरण पर सरकार को घेरा है। कटारिया ने आरोप लगाया कि एक तथाकथित कांग्रेस समर्थित संगठन के महामंत्री के पत्र के आधार पर आरएसएस विचार से जुड़े शिक्षकों का पूर्व में पदस्थापित स्थान से भी दूर तबादला कर दिया गया है। इसमें विधायकों की भी अनुशंसा थी, जिसकी वजह से 31 दिसंबर की स्थानांतरण सूची में इस तरह का बदलाव किया गया है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से उच्च शिक्षामंत्री ने संशोधित सूची जारी की, यह शिक्षा विभाग जैसे पवित्र संस्थान में एक अत्यंत घिनौना कृत्य है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस मामले में जो भूमिका रही है, यह भी लज्जाजनक घटना है। उन्होंने अफसोस जताया कि योग्यता और अच्छे कार्य के आधार पर पुस्कृत करना तो दूर, चयनित रूप से एक लोकतांत्रिक शिक्षण संगठन को कुलचने का काम गहलोत कर रहे हैं। कटारिया ने कहा कि राज्य की कॉलेज शिक्षा में 2500 से अधिक पद रिक्त पड़े हैं। ऐसी स्थिति में कॉलेज शिक्षा में नियुक्तियों के स्थान पर मुख्यमंत्री द्वारा स्थानांतरण की राजनीति करना अच्छे शासन का उदाहरण कतई नहीं कहा जा सकता है। कटारिया ने अपेक्षा जताई है कि सीएम इस पूरे मामले पर पुनर्विचार करके प्रताडि़त शिक्षकों को न्याय प्रदान करेंगे।