अक्सर लोग स्मार्ट वॉच पहनकर अपने आप को हाईटेक दिखाने की कोशिश करते हैं। यह स्मार्ट वॉच यूजर की ऑक्सीजन लेवल, हार्ट रेट, सोने-जागने का चक्र, घूमने का रिकॉर्ड, भोजन चक्र को ट्रैक करती है और निरंतर विज्ञापन कंपनियों के साथ जानकारियां साझा करती है। कई बार प्राइवेट कंपनी के डेटाबेस में सेंधमारी कर साइबर अपराधी डेटा लीक कर देते हैं। इसलिए हर समय अपनी स्मार्ट वॉच को चालू न रखें। उपयोग करते समय सतर्क रहें।
फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया कंपनियां के ऐप जब फोन में डाल लेते हैं तो यूजर की सारी वेब एक्टिविटी की मॉनिटरिंग होने लगती है। साइबर क्राइम से बचने के लिए अपने फोन में गूगल ऐप खोलें और उसकी सेटिंग्स पर जाकर वेब एक्टिविटी ट्रैकिंग को ऑफ कर दें। जब भी आप फेसबुक का उपयोग कर रहे हो तो उसमें प्राइवेसी शॉर्टकट में जाकर ‘क्लिक योअर ऑफ फेसबुक एक्टिविटी पर क्लिक कर दें।
21वीं सदी डेटा का युग है। इसमें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण चीज है लोगों के डेटा की प्राइवेसी। साइबर क्राइम के मामलों को रोकने के लिए घर में उपयोग होने वाले हर स्मार्ट डिवाइस के प्रति अवेयर रहें। घर का एक कोना ऐसा हो जहां स्मार्ट गैजेट्स न के बराबर हों।