जयपुरPublished: Mar 24, 2021 02:02:50 pm
Mohmad Imran
अगर कोई बेटी अपने माता-पिता की दूसरी शादी की वैधता के खिलाफ हो तो क्या वह ऐसा करने के लिए कानून का सहारा ले सकती है? बॉम्बे हाइकोर्ट ने धारा 7 से जुड़ी व्याख्या के खंड (बी) को रेखांकित करते हुए कहा कि, एक बेटी के पास अपने पिता की दूसरी शादी की वैधता पर सवाल उठाने का प्रत्येक आधार है। हाइकोर्ट की खंडपीठ ने फैमिली कोर्ट के निर्णय के खिलाफ यह फैसला सुनाया।
बेटी भी उठा सकती है पिता की दूसरी शादी पर सवाल
बेटी को भी विरोध जताने का हक
मामले में अपीलकर्ता बेटी के धनी पिता ने उसकी मां की मृत्यु के बाद दूसरी शादी की थी। बेटी ने अपीलकर्ता के पिता से प्रतिवादी के विवाह की वैधता पर सवाल उठाते हुए एक याचिका दायर की। धनी उद्योगपति पिता ने अपीलकर्ता की मां की मृत्यु के बाद प्रतिवादी से विवाह किया था। याचिका में बेटी ने कहा कि प्रतिवादी (पिता की दूसरी पत्नी) ने यह दावा करते हुए उसके पिता से शादी की थी कि उसने पहले पति से तलाक ले लिया था, जबकि प्रस्तुत दस्तावेज संदिग्ध थे। बेटी ने कहा कि प्रतिवादी ने उसके पिता की मानसिक कमजोरी का अनुचित लाभ उठाते हुए यह शादी सम्पत्ति हड़पने के इरादे से की थी। पिता की भी 2015 में मृत्यु हो गई थी। फैमिली कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि अपीलकर्ता ने पहले उच्च न्यायालय में प्रतिवादी के खिलाफ मुकदमा दायर कर चुकी है।