कोटा में घर-घर जले दीप, गूंजा जय सियाराम
Published: Aug 05, 2020 08:03:52 pm
अयोध्याय में श्रीराममंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम की खुशी में कोटा शहर में दीपावली जैसा माहौल नजर आया। घर-घर दीप जलाए।
दिवाली की तरह घरों को रोशनी से जगमग किया
कोटा. सियावर रामचंद्र की जय…जय सियाराम, जय सियाराम…ये जयघोष सिर्फ सियाराम की नगरी में ही नहीं सुनाई दे रहा बल्कि इसकी गूंज पूरे विश्व भर में सुनाई दी। कोटा में भी बुधवार को दीपावली मनाई गई। जगह-जगह मंदिरों में दिनभर आराधना हुई और शाम को घरों में दीपमाला सजी।
इस खुशी के पल को किसी ने मिठाइयां बांटकर तो किसी ने मंदिर में पूजा-अर्चना व अनुष्ठान कर मनाया। शहर राममय हो गया। सांझ ढलते ही महिलाएं और बच्चे अपने-अपने घरों में खुशियां के दीपक जलाने में जुट गए। कई रामभक्तों ने तो दिवाली की तरह घरों को रोशनी से जगमग किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से दीपोत्सव के रूप में मनाया गया। कोटा महानगर के संघ चालक ताराचंद गोयल ने बताया कि इस अवसर पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई।
कोटा जंक्शन स्थित श्रीराम मंदिर यज्ञ व पूजन किया गया। 21 किलो लड्डुओं का भोग लगया और आतिशबाजी के साथ पुष्प वर्षा की। स्टेशन स्थित श्रीरघुनाथ मंदिर में एक दिवस अखण्ड रामायण पाठ किए गए और ५१ किलो के बेसन के लड्डुओं का भोग लगाया गया। डडवाड़ा में राधाकृष्ण मंदिर में सामूहिक सुंदरकांड एवं प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। जेसीआई कोटा के सदस्यों ने सुंदर पाठ का आयोजन किया। अध्यक्ष अनीश माहेश्वरी और सचिव सिद्धार्थ जाजू ने बताया सदस्यों ने श्रीराम की आरती की। उन्होंने कहा, बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। जेसीरेट सदस्यों ने भी इस उसत्सव में भाग लिया। जेसीरेट अध्यक्ष श्वेता माहेश्वरी ने अपने संदेश में सदस्यों से कहा, हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढिय़ों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक, कई-कई पीढिय़ों ने अखंड अविरत एकनिष्ठ प्रयास किया है। ये दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।