जबलपुर

प्रदेश में डेंगू का कहर, सबसे ज्यादा इस जिले में मिल रहे मरीज, बरतें ये सावधानी

प्रदेश में डेंगू का कहर, सबसे ज्यादा इस जिले में मिल रहे मरीज, बरतें ये सावधानी
 

जबलपुरOct 11, 2019 / 09:54 am

Lalit kostha

जबलपुर. शहर में वायरल बुखार के बीच डेंगू पीडि़त मरीज भी सामने आ रहे हैं। सरकारी रिपोर्ट में डेंगू के मरीज भले ही कम हों, लेकिन निजी अस्पतालों की ओपीडी में जांच के दौरान प्रतिदिन डेंगू के नए मरीज मिल रहे हैं। इनमें आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहर के पॉश इलाकों के मरीज भी शामिल हैं। पिछले कुछ दिनों में डेंगू संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ी है।

रोकथाम के नहीं हो रहे प्रयास, दबे पांव पैर पसार रहा डेंगू, रोज सामने आ रहे नए मरीज

धूप निकलते ही पनपे मच्छर-
जानकारों के अनुसार पिछले महीने तक लगातार बारिश होने से मच्छर पनप नहीं रहे थे। बारिश थमने के बाद कुछ दिनों से धूप निकल रही है। यह समय मच्छर पनपने के लिए अनुकूल है। मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक के छिडक़ाव और बीमारियों की रोकथाम के उपाय पर प्रशासन का ध्यान नहीं है। इससे बुखार का संक्रमण बढ़ रहा है और डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के मुकाबले इस वर्ष निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीज ज्यादा सामने आ रहे हैं। जानकारों के अनुसार पिछले वर्ष डेंगू और चिकनगुनिया का संक्रमण निचली बस्तियों में फैला था। इस बार डेंगू संदिग्ध ज्यादातर मरीज शहर के पॉश एरिया से आ रहे हैं। पीडि़त निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। वायरल बुखार के पीडि़तों में हर आयु वर्ग के मरीज शामिल हैं। डेंगू संदिग्धों में बुजुर्ग और महिलाएं अधिक हैं।

 


ये है स्थिति
– पिछले साल जिन क्षेत्रों में बुखार फैला था, स्वास्थ्य विभाग की ओर से वहां जांच की जा रही है, शेष क्षेत्रों पर पर नजर नहीं है
– कुछ जगहों पर अभी भी बारिश का पानी भरा हुआ है, धूप निकलने के बाद वहां मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं
– बारिश थमने के बाद मच्छरों को मारने के लिए नहीं हो रहा कीटनाशक का छिडक़ाव, फॉगिंग मशीन से भी नहीं कर रहे धुआं
– डेंगू संदिग्ध ज्यादातर मरीज पॉश एरिया से आ रहे हैं, इसमें सिविल लाइंस, कटंगा, बिलहरी सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं
– निजी अस्पताल डेंगू पीडि़तों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे, इससे सम्बंधित क्षेत्रों में सर्वे और रोकथाम के उपाय नहीं हो रहे हैं।

पिछले वर्ष जिन क्षेत्रों में संक्रमण फैला था, वहां लगातार कीटनाशक का छिडक़ाव किया जा रहा है। वहां से मरीज सामने नहीं आए हैं। अस्पतालों को डेंगू और स्वाइन फ्लू के मरीजों की सूचना देना आवश्यक है। जहां जानकारी मिल रही है, वहां का सर्वे कर जरूरी उपचार और रोकथाम के लिए दवाइयां दी जा रही हैं।
– डॉ. मनीष मिश्रा, सीएमएचओ

निजी अस्पतालों में स्थिति
30-40 प्रतिशत मरीज मेडिसिन में, ओपीडी के कुल मरीजों में
10 से ज्यादा संदिग्ध मरीजों की प्रतिदिन हो रही डेंगू की जांच
01 मरीज औसतन प्रतिदिन जांच में मिल रहा डेंगू पॉजीटिव

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