scriptSpecial: आदिमानव भी करते थे गपशप, सामाजिक विकास में थी महत्त्वपूर्ण भूमिका | Don't Feel Bad About Gossiping Since Even Cavemen Have Been Doing It | Patrika News

Special: आदिमानव भी करते थे गपशप, सामाजिक विकास में थी महत्त्वपूर्ण भूमिका

locationजयपुरPublished: Aug 29, 2020 05:23:44 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

एक अध्ययन में समाजशास्त्रियों ने पाया कि गॉसिप ऐसा विषय है जिसमें हर कोई न चाहते हुए भी शामिल हो जाता है

Special: आदिमानव भी करते थे गपशप, सामाजिक विकास में थी महत्त्वपूर्ण भूमिका

Special: आदिमानव भी करते थे गपशप, सामाजिक विकास में थी महत्त्वपूर्ण भूमिका

पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को गॉसिप (Gossip) करना पसंद है। लेकिन हाल के एक शोध की मानें तो गॉसिप की आदत पर किसी को भी शर्मिंदा होने की जरुरत नहीं है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह बेहद स्वाभाविक और आदिम अनुवांशिक गुण है जो हमें हमारे पूर्वज आदिमानव से मिला है। सोशल साइंटिस्ट्स (Social Scientists) ने एक अध्ययन में पाया कि अगर आसपास गपशप और चुगली चल रही हो तो किसी के लिए भी इसे सुने बिना रह पाना मुश्किल होता है। लाख कोशिशों के बावजूद व्यक्ति ऐसी चुगली या गॉसिप में शामिल हो ही जाता है, क्योंकि यह हमारे क्रमिक विकास के दौरान जन्मी एक अनुवांशिक प्रवृत्ति है जो अब मानव स्वभाव बन गई है।
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आदिमानव भी करते थे गपशप
इलिनोइस के गेलसबर्ग के नॉक्स कॉलेज में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता फ्रैंक मैकएंड्र्यू का कहना है कि प्रगैतिहासिक काल में भी आदिमानव ऐसा करते थे और जो लोग अन्य आदिमानवों के जीवन से मोहित थे वे अप्रत्याशित रूप से ज्यादा सफल भी थे। आदिमानव दूसरे कबीलों के सामाजिक जीवन, रहन-सहन, ,खान-पान और संगठन के तौर-तरीकों पर गपशप करते थे। कौन क्या कर रहा है, किस के पास क्या संसाधन हैं और कौन-कितना समृद्ध हैयह सब उनकी गॉसिपिंग का अहम हिस्सा हुआ करता था।

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रोज 52 मिनट गॉसिप में बीतते हैं हमारे
मानव व्यवहार और गॉसिप के विशेषज्ञ फ्रैंक ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया रिवरसाइड के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अन्य शोध के हवाले से बताया कि एक सामान्य व्यक्ति जाने-अनजाने औसतन लगभग 52 मिनट प्रतिदिन गॉसिपिंग करने में ही बिता देता है। यानि महीने में करीब 1560 घंटे हम गॉसिप करने के अलावा कुछ नहीं करते। हालांकि केवल 15 फीसदी गॉसिप ही नकारात्मकता का कारण बनती है, लेकिन इससे हम में सामाजिक जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण बहुत-सी जरूरी बातों की समझ भी विकसित होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया रिवरसाइड (University of California) की शोधकर्ता प्रोफेसर मेगन रॉबिंस का कहना है कि गॉसिप दरअसल मानव बातचीत का आधार है। यह संबंधों को मजबूत करने में भी मदद करती है।

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