जयपुर

ये कैसा दोहरा रवैया: पूरे शहर में पेयजल कटौती, पर ‘माननियों’ को मिल रहा 24 घंटे पानी

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जयपुरSep 04, 2018 / 04:05 am

rohit sharma

जयपुर।
जयपुर समेत तीन शहरों के लाखों लोगों को पेयजल कटौती का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन राज्य के सबसे वीआईपी इलाके को फिर से इस दायर से बाहर रख दिया गया। सिविल लाइन्स में माननियों के बंगलों में हो रही पेयजल सप्लाई में कटौती करना तो दूर, यहां ऐसे हालात में भी 24 घंटे पेयजल सप्लाई जारी है। इस बीच यहां नई पेयजल लाइन डालने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिस पर करीब 2 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जलदाय विभाग अधिकारियों का तर्क है कि इस इलाके में पिछले कई वर्षों से चौबीस घंटे सप्लाई हो रही है, इसलिए कटौती करना मुश्किल है। गौरतलब है कि बीसलपुर बांध में पानी की कम आवक के कारण अकेले जयपुर शहर में 25 प्रतिशत पेयजल सप्लाई में कटौती कर दी गई है। इसकी समय सीमा और भी बढ़ने की आशंका है। अभी बांध का लेवल 309.25 मीटर है। जबकि, न्यूनतम लेवल 297 मीटर ही है, यानि इसके बाद मिट्टी शुरू हो जाएगी।
प्रयास करें तो बने नजीर..
विषय विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हालात के बीच ही इस इलाके में भी पेयजल सप्लाई कटौती की जाती है तो यह नजीर बन सकती है। लेकिन अफसर ड़र के कारण बात तक नहीं कर पा रहे हैं।
यहां बिछेगी नई लाइन
सिविल लाइन्स फाटक के आगे से हवा सड़क तक और फिर बाइस गोदाम सर्किल से अजमेर रोड तक के बीच का हिस्सा। 7 से 8 किलोमीटर लम्बाई चिन्हित की गई है। इसमें 201 लाख रुपए की अनुमानित लागत प्रस्तावित की गई है। प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति अब जारी होगी।
इस तरह हो रही कटौती
शहर में 29 अगस्त से पेयजल सप्लाई में 15 से 20 मिनट तक की कटौती की जा रही है। पहले पेयजल सप्लाई अवधि 1 घंटे से 1.30 घंटे के बीच थी जो अब 45 मिनट से 70 मिनट तक हो गई है। पानी की ज्यादा कमी होती है तो जयपुर शहर में दो दिन में एक बार पेयजल सप्लाई होगी। इसका प्रस्ताव पहले ही तैयार किया जा चुका है।
फैक्ट फाइल
—520 एमएलडी पेयजल प्रतिदिन सप्लाई की गई अब तक
—440 एमएलडी पेयजल सप्लाई की जा चुकी है
—70 एमएलडी पेयजल ट्यूबवैल—टैंकर के जरिए सप्लाई

इनका कहना है..
सिविल लाइन्स इलाके में वर्षों से चौबीस घंटे पेयजल सप्लाई की जा रही है, इसलिए कटौती इलाके में शामिल नहीं किया गया। फिलहाल यहां कटौती का प्रस्ताव नहीं है।
डी.के. सैनी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जलदाय विभाग
पेयजल लाइन पुरानी हो गई, इसलिए नई लाइन डाली जाएगी। फिलहाल प्रशासनिक-वित्तीय स्वीकृति मिलना बाकी है।
आर.सी. मीणा, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग
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