डूंगरपुर. राजस्थान परिवहन निगम की बसों में बैठने से पहले ही यात्रियों को असुविधाओं की कतार में लगना पड़ रहा है। पैसा देकर सफर करने वाले यात्रियों को बस में सवार होने से पहले तपस्या करनी पड़ रही है और रोडवेज प्रबंधन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। सुबह से रात तक अव्यवस्थाओं की तस्वीर आंखों के सामने होने के बावजूद भी समाधान नहीं हो रहा है। आलम यह है कि डूंगरपुर के केन्द्रीय बस स्टैंड पर 7 में से 5 टिकट काउंटर बंद है और जो दो चल रहे वे इलेक्ट्रोनिक टिकट मशीन (इटीएम) से चल रहे है।
बस स्टैंड पर सात बस टिकट कांउटर बनाए गए है। इसमें से अभी दो कांउटर ही संचालित है। इन दोनों में से एक कांउटर पर केवल उदयपुर व जयपुर जाने वाली बसों के तो दूसरे पर रतनपुर, बासंवाड़ा, आसपुर व सहित अन्य गावों के टिकट काटे जा रहे है। काउंटर पर टिकट के लिए यात्रियों का लम्बी कतार लग रही है।इससे बस भी समय से बस स्टैण्ड से संचालित नही हो पा रही है और यात्री परेशान हो रहे है।
बस स्टैंड पर सात बस टिकट कांउटर बनाए गए है। इसमें से अभी दो कांउटर ही संचालित है। इन दोनों में से एक कांउटर पर केवल उदयपुर व जयपुर जाने वाली बसों के तो दूसरे पर रतनपुर, बासंवाड़ा, आसपुर व सहित अन्य गावों के टिकट काटे जा रहे है। काउंटर पर टिकट के लिए यात्रियों का लम्बी कतार लग रही है।इससे बस भी समय से बस स्टैण्ड से संचालित नही हो पा रही है और यात्री परेशान हो रहे है।
एक कप्म्यूटर व दो ङ्क्षप्रटर खराब काउंटर पर 8 नवंबर से एक कम्प्यूटर व दो ङ्क्षप्रटर खराब पड़े है। इसके बाद भी कोई सुध नही ली गई है। इससे परिचालक काउंटर खड़े रहकर इटीएम मशीन से टिकट काट रहे है। एक काउंटर पर कुछ दिनों से ङ्क्षप्रटिग सही नही आ रही है। काउंटर पर बैठने वाले परिचालकों ने इसकी सूचना अधिकारियों तक पहुंचाई। इस समस्या के साथ ही बसों में परिचालक टिकट काट रहे है। इससे बस में सवार यात्रियों को टिकट के अनुसार सीट नही मिल पा रही है। सीमलवाड़ा व वड़ोदरा जाने वाली बसों के परिचालक टिकिट बस के अंदर ही काट रहे है।
स्टाफ की कमी भी एक समस्या रोडवेज निगम में पांच छह वर्षों से बसों व स्टाफ की समस्या आ रही है। निगम में 2015 में 97 शेड्यूल व लगभग 123 चालक कार्यरत है। इस दौरान बस स्टैण्ड पर करीब चार टिकट काउंटर होते थे। वहीं 20 वर्ष पूर्व रोडवेज में पत्रवितक की पोस्ट थी। इस दौरान 20 पत्रवितक(टिकिट काटने वाले) थे। यह पत्रवितक टिकिट काउंटर पर टिकिट कांटने व यात्रियों की समस्या का निवारण करते थे। ये पद समाप्त कर दिए गए। इसके बाद रोडवेज में चालक व परिचालक ही टिकट काउंटर संभाल रहे है।
जनता की परेशानियां इस कदर बढ़ी – बस के टिकट लिए लाइन में लगना होता है – लाइन में लगने के बाद नंबर आने में एक घंटा लग जाए कोई बड़ी बात नहीं
– लम्बी कतारों से बसों का टाइम टेबल भी गड़बड़ा गया है – एक ही कतार में कई रूट के यात्री ऐसे में सीट नंबर आवंटन में भी मुसीबत हो रही – काउंटर से बस सीट की ऑनलाइन बुङ्क्षकग नही देख पा रहे, कई समस्याएं खड़ी हुई
फैक्ट फाइल
– 52 बसें डूंगरपुर डिपो से संचालित
– 05 बसें अनुबंधित होकर संचालित है
– 99 परिचालकों में से 78 परिचालक उपलब्ध
– 24 परिचालकों अन्य जगह पर लगा रखा है
– 101 चालकों में से 89 चालक उपलब्ध
– 07 में से 02 काउंटर ही संचालित है
– 02 टिकट काउंटरों पर प्रतिदिन 1400 से 1500 टिकिटों का वितरण हो रहा
फैक्ट फाइल
– 52 बसें डूंगरपुर डिपो से संचालित
– 05 बसें अनुबंधित होकर संचालित है
– 99 परिचालकों में से 78 परिचालक उपलब्ध
– 24 परिचालकों अन्य जगह पर लगा रखा है
– 101 चालकों में से 89 चालक उपलब्ध
– 07 में से 02 काउंटर ही संचालित है
– 02 टिकट काउंटरों पर प्रतिदिन 1400 से 1500 टिकिटों का वितरण हो रहा