कहां हैं वह लोग जो लॉकडाउन के बाद घर नहीं जा सके?
देशव्यापी लॉकडाउन के बाद जम्मू-कश्मीर आए पर्यटक, माता वैष्णो देवी के तीर्थयात्रियों और बाहरी राज्यों के मजदूरों समेत 406 लोग जो अपने घर नहीं जा पाए जम्मू शहर में सुरक्षित रूप से रुके हुए हैं। जम्मू उत्तर के एसडीएम पवन कोतवाल ने बताया कि जम्मू में बनतालाब के राधा स्वामी आश्रम में 406 लोगों को ठहराया गया है। यह सभी रेल और सड़क यातायात बंद होने के कारण अपने घर नहीं जा पाए थे। इन लोगो में 273 पुरुष, 125 महिलाएं और 8 बच्चे शामिल हैं। यही लोग रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, और शहर के अन्य हिस्सों से आश्रम तक लाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आश्रय स्थल में ठहरने वालों में मुख्य रूप से बहरी राज्यों के प्रवासी मजदूर, श्रद्धालु और पर्यटक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आश्रम में पूरी एहतियात बरतते हुए सभी लोगों को यहां रख गया है। सोशल डिस्टेंसिंग की पालना होती रहे इसलिए सभी के बिस्तर दूरी पर लगाए गए हैं और सभी को साफ सफाई का ध्यान रखते हुए दूर—दूर रहने के लिए भी कहा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि समय—समय पर मेडिकल टीम यहां जाकर लोगों का चेकअप भी करती रही हैं। अब तक कोई भी स्वास्थ्य तकलीफ इन लोगों को नहीं हुई है। कोतवाल ने कहा की लॉकडाउन खत्म होने के बाद आदेश मिलने पर सभी को घर भेज दिया जाएगा।
इधर श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने साफ किया कि कटरा शहर या वैष्णो देवी भवन पर कोई भी यात्री नहीं फसा है। उन्होंने कहा कि हमारी ज़िम्मेदारी कटरा शहर में मंदिर, उसके ट्रैक और आधार शिविर है। हमने 18 मार्च की दोपहर को यात्रा को बंद कर दिया है और हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, कोई भी यात्री हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं फंसा हुआ है।
जम्मू की जिला मजिस्ट्रेट सुषमा चौहान ने कहा कि कई लोग जो ट्रेनों के रद्द होने की वजह से घर वापस नहीं जा सकते, उन्हें सुरक्षित रूप से आश्रय दिया गया है और जिला प्रशासन द्वारा जम्मू शहर में रहने के लिए व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि बहुत से ऐसे लोग थे जो ट्रेन सेवाएं रद्द होने के कारण फंसे हुए थे। हमने उन्हें पूरी तरह से स्वच्छता वाले वातावरण में सुरक्षित स्थानों पर शरण दी है। हम उन्हें भोजन और अन्य आवश्यकताएं प्रदान कर रहे हैं।