बांसवाड़ा

बांसवाड़ा : शिक्षा में बेटियां भर रही ऊंची उड़ान, माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा, साल-दर-साल बढ़ रहे उपलब्धियों के आंकड़े

महिला साक्षरता दर 1.54 से 43.47 प्रतिशत पहुंची

बांसवाड़ाApr 27, 2018 / 12:59 pm

Ashish vajpayee

बांसवाड़ा. शैक्षिक रूप से पिछड़े माने जाने वाले बांसवाड़ा जिले में समय के साथ बदलाव नजर आ रहे हैं। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के प्रयासों और गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में अभिभावकों से सतत संपर्क का परिणाम है कि शैक्षिक सत्र के आरंभ में नामांकन हो या बोर्ड परीक्षाओं में गार्गी और पद्माक्षी पुरस्कार, उपलब्धियां दर्ज कराने में बेटियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
अशिक्षा के अंधियारे से घिरे
बांसवाड़ा में किसी समय बालिका शिक्षा के प्रति निराशाजनक माहौल था। घर की दहलीज में रहना या घरेलू और कृषि-पशुपालन संबंधी कार्य तक ही बालिकाओं और महिलाओं की दुनिया सिमटी हुई थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद 1951 की जनगणना में बांसवाड़ा में महिला साक्षरता की दर मात्र 1.54 प्रतिशत थी।
1991 से 2001 के बीच जिले में चले साक्षरता अभियान का असर जरूर हुआ। 1991 में जहां महिला साक्षरता दर 13.42 थी, वह 2001 में बढकऱ 28.43 पहुंची। 2011 में यह दर 43.47 तक पहुंच गई। महिला साक्षरता दर में वृद्धि का असर बालिका शिक्षा की जागरूकता पर भी दृष्टिगत हो रहा है।
असर, जो आ रहा नजर
विगत दो वर्षों में आए संख्यात्मक बदलाव को ही देखें तो बालिकाओं की उपलब्धियां जिले को गौरवान्वित करने वाली हैं। अमरीका में अध्ययन करने का अवसर हो या इसरो से जुडकऱ अनंत अंतरिक्ष के बारे में जानने की जिज्ञासा, बालिकाएं इसमें कहीं पीछे नहीं हैं। गत सत्र में राज्य सरकार की ओर से आरंभ पद्माक्षी पुरस्कार के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग, सामान्य, अल्पसंख्यक, बीपीएल और दिव्यांग श्रेणी में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली आठवीं, दसवीं और बारहवीं की छात्राओं को क्रमश: 40 हजार, 75 हजार और एक लाख रुपए मिले हैं। वहीं 12वीं उत्तीर्ण सात छात्रओं को स्कूटी मिली है।
यहां भी पीछे नहीं
मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना में दसवीं की परीक्षा में जिले में प्रथम दो मेधावी छात्राओं और एक प्रथम बीपीएल छात्रा को स्नातकोत्तर शिक्षा या प्रशिक्षण प्राप्त करने तक वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें एकमुश्त 15 हजार रुपए प्रति छात्रा और उच्च शिक्षा के लिए प्राप्त प्रशिक्षण पर व्यय राशि का भुगतान एक लाख रुपए तक होता है। इसमें सत्र 2014-15 में तीन, 15-16 में 6 और 16- 17 में 9 छात्राओं ने इसका लाभ उठाया।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.