महंगाई से राहत के संकेत कितने स्थाई? दाम कम होने की उम्मीद तो थी ही नहीं, दाम बढ़ने की आशंका से जरूर राहत मिली है। उम्मीद की जा रही है कि कच्चे तेल के दाम बढ़ने से पिछले वित्त वर्ष में तेल कंपनियों को जो घाटा हुआ, उसकी भरपाई पिछले वित्त वर्ष में ही हो गई होगी। वह इसलिए कि पिछले 11 दिनों से 10 दिन या तो थोक डीजल के दाम बढ़े हैं या फिर रिटेल स्तर पर दामों में बढ़ोतरी की गई है। इस बीच में जयपुर में थोक डीजल के दामों में करीब 25 रुपए की बढ़ोतरी की जा चुकी है और रिटेल में भी पेट्रोल के दामों में 7 रुपए और डीजल के दामों में 6.50 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। रिटेल स्तर पर पिछले 10 दिनों में औसतन 80 पैसे रोजाना के पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं। ये बढ़ोतरी ऐतिहासिक है। इसके पहले कभी पेट्रोल और डीजल के दामों इतनी अधिक बढ़ोतरी इतने कम समय में नहीं दर्ज की गई थी। उम्मीद है कि पिछले 11 दिनों में थोक और रिटेल स्तर पर जो बढ़ोतरी की गई है, उससे तेल कंपनियों की पिछले वित्त वर्ष में घाटे की भरपाई समाप्त हुए वित्त वर्ष में ही हो गई होगी और नया साल नई शुरुआत लेकर आया है।
इन कारणों से थम सकते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम अब जबकि नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है, नए वित्त वर्ष में आशा की जा रही है पिछले वित्त वर्ष के संकटों के कारण लोगों ने महंगाई की जो भारी मार देखी है, उससे लोगों को राहत मिलेगी। जैसा कि पत्रिका टीवी शुरुआत से कहता आ रहा है कि नए वित्त वर्ष में अनुमान है कि पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से राहत मिल सके। शायद इसीलिए पिछले वित्त वर्ष में इतनी भारी बढ़ोतरी पेट्रोल और डीजल के दामों में की गई, जिससे पिछले वित्त वर्ष के घाटे या नफे का हिसाब पिछले वित्त वर्ष में ही हो सके।
इसके 4 संकेत आज मिले हैं कि शायद पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी यानी महंगाई से आगे कुछ राहत मिल सके --- 1. कच्चे तेल के दाम पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से स्थिर बने हुए हैं। ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 110 डॉलर प्रति बैरल बने हुए हैं। तेल उत्पादक ओपेक देशों के संगठन ने कहा है कि वे पिछले महीने तक चले आ रहे उत्पादन के स्तर को ही बनाए रखेंगे और इसमें कोई बदलाव नहीं करने जा रहे हैं। इसके बाद से कच्चे तेल के दामों में कुछ नरमी का ही रुख है। पिछले 12 घंटे में ब्रेंट क्रूड के दाम 107 डॉलर प्रति बैरल तक गिरे हैं।
2. नए वित्त वर्ष के पहले दिन पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 3. महीने के पहले दिन होने वाली तेल के दामों की समीक्षा में तेल कंपनियों में नए वित्त वर्ष के पहले दिन गैस सिलेंडर के दाम भी अपरिवर्तित रखे हैं।
4. केंद्र सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाकर दोगुने किए जाने के बावजूद गैस सिलिंडर के दामों में बढ़ोतरी फिलहाल नहीं की गई है। बल्कि इस बढ़ोतरी का सामना करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की गैस वितरण कंपनी महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) के खुदरा मूल्य में छह रुपये प्रति किलो और पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी) में 3.50 रुपये घन मीटर कम करने की घोषणा की है। आशा की जा रही है कि यही टैक्स कम करने का सिलसिला आगे अन्य कंपनियां भी अपनाएंगी।