scriptguide line: प्लास्टर ऑफ पेरिस नहीं, मिट्टी से बनेंगी प्रतिमाएं | guide line: not plaster of paris, idols will be made of clay | Patrika News

guide line: प्लास्टर ऑफ पेरिस नहीं, मिट्टी से बनेंगी प्रतिमाएं

Published: Aug 14, 2021 10:58:52 am

Submitted by:

manohar soni

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन में रासायनिक रंगों का उपयोग प्रतिबंधित

Ganesh Chaturthi: गणपति प्रतिमाओं को अंतिम रूप

Ganesh Chaturthi: गणपति प्रतिमाओं को अंतिम रूप

छिंदवाड़ा. गणेशोत्सव में प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं मूर्तिकार इस वर्ष भी नहीं बना सकेंगे। उन्हें मिट्टी की प्रतिमाओं में प्राकृतिक रंग भरने होंगे। इसके साथ ही तालाब-नदियों के कुण्ड में विसर्जन कराना होगा। यह संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने गाइड लाइन जारी कर दी है। इसका पालन कराने के लिए नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों को पत्र लिखा गया है।
बोर्ड की जानकारी के मुताबिक मूर्तिकार केवल प्राकृतिक, जैव-पर्यावरण के अनुकूल मिट्टी से बनी प्रतिमाओं को ही बनाएंगे। प्लास्टिक और थर्मोकोल को भी हतोसाहित किया जाएगा। प्रतिमाओं के आभूषण बनाने के लिए केवल सूखे फूल के घटक, पुआल और पेड़ों के प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जा सकता है।
बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ.अविनाश चंद्र करेरा का कहना है कि इस गाइड लाइन को सभी नगरीय निकायों के अधिकारियों को भेजा गया है। गणेश प्रतिमा निर्माण में इन नियमों का पालन कराना होगा।
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बोर्ड के यह भी दिशा-निर्देश
1.मूर्तियों की पेंटिंग के लिए जहरीले और गैर-बायोडिग्रेडेबल रासायनिक रंगों/तेल पेंट का उपयोग सख्त वर्जित।
2.मूर्तियों पर इनेमल और सिंथेटिक डाई आधारित पेंट को हतोत्साहित किया जाए।
3.पर्यावरण के अनुकूल पानी आधारित, बायो-डिग्रेडेबल और गैर-विषाक्त प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाए।
4. रंग भरने के लिए फूल, छाल, पुंकेसर, पत्ते, जड़, बीज, साबुत फल, विभिन्न पक्षियों के पंख, खनिज या रंगीन चट्टानों से प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रंगों का ही उपयोग किया जाए।
5.शिल्पकारों या कारीगरों या निर्माता को नगर निकायों के साथ पंजीकृत किया जाए।
6. जहां तक संभव हो, कम ऊंचाई और पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियां बनाई जाए।
7. अरेका,केला, बरगद,साल पत्ते, बायोडिग्रेडेबल पेपर कप,प्लेट्स और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीस्टाइन ट्रेंचर के स्थान पर किया जा सकता है।
8.तालाब-नदियों के कुण्ड में प्रतिमाओं का विसर्जन कराना होगा।

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