उन्हें अपने वजन को कम करने के लिए दो बातों ने प्रेरित किया। पहला उनके फिजिशियन ने उन्हें चेतावनी दी की अगर उन्होंने अपना वजन कम नहीं किया तो उनके ज्यादा दिन तक बचे रहने की उम्मीद कम है। वहीं दूसरी वजह थी उनकी बहन की प्रेगनेंसी। उन्होंने कहा कि वे अपने भांजे के साथ खेलना चाहते थे, उसे गोद में उठाना और दौडऩा भागना चासहते थे लेकिन यह सब 295 किलो वजन के साथ संभव नहीं था। इसलिए अपने भांजे के प्यार और बहन से किए वादे के तहत उन्होंने अपना वजन घटाने का निर्णय किया। उन्होंने लैप्रोस्कोपिक स्लीव गैसट्रेकटॉमी सर्जरी से पहले उन्होंने 100 पाउंड वजन घटाया। इसके बाद लगातार जिम में पसीना बहाते हुए उन्होंने अपना वजन तीन साल में करीब 215 किलो कम कर लिया। उन्होंने फास्ट फूड, फ्राइड फूड्स, शराब, सॉफ्ट drinks और ऐसे ही हानिकारक खान-पान से तौबा कर ली।
उन्होंने वजन घटाने के बाद दुर्घटना में गुजर गए अपने एक दोस्त को श्रद्धांजली के रूप में ५ किमी की रेस में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्हें रोकना मुश्किल था और वे 5 से 10 किमी, 16 किमी और अब मैराथन में हिस्सा लेकर दिखा दिया कि अगर हिम्मत और प्रेरणा मिले तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।