क्या आप सोच सकते हैं कि दोस्ती की शुरुआत गूगल ट्रांसलेटर की मदद से भी हो सकता है। पर ऐसा हुआ।
नई दिल्ली। आपने दोस्ती के कई किस्से सुने होंगे, लेकिन अमरीका के कैलिफोर्निया की एक स्कूल की लड़की की कोशिश ने इन किस्सों में एक नया और अनोखा किस्सा जोड़ दिया है और किस्से में सबसे मददगार रहा गूगल। अमांडा मूर नाम की एक 10 साल की बच्ची ने अपने स्पेनिश क्लासमेट को गूगल ट्रांस्लेटर की मदद से दोस्ती का तोहफा दिया है।
राफेल अनाया एक मैक्सिकन स्टूडेंट था और कैलिफोर्निया के इस स्कूल में वह खुद को बेहद अकेला महसूस करता था। उसे अंग्रेजी नहीं आती थी इसलिए अन्य बच्चे उससे बात नहीं करते थे। इस माहौल में उसके लिए सब अजनबी सा था और वह काफी अकेला पड़ गया।
भाषा ने बनाया बेबस
राफेल पर उसकी क्लासमेट अमांडा मूर की नजर पड़ी। अमांडा ने राफेल से बात करने की शुरुआत की लेकिन राफेल के स्पेनिश भाषी होने के कारण वह ज्यादा देर तक उससे बात नहीं कर पाई। लेकिन भाषाओं की इस दूरी ने अमांडा की हिम्मत नहीं तोड़ी। अमांडा ने स्कूल से लौटकर गूगल ट्रांसलेट की मदद से स्पेनिश भाषा में एक पत्र लिखा जिसमें उसकी मां ने भी मदद की। अमांडा की मां ने अमांडा के इस लेटर को पढ़ते हुए एक वीडियो भी फेसबुक पर अपलोड किया है।
अमांडा ने लिखा, ‘क्या तुम आज मेरे साथ बैठना पसंद करोगे? हम बैठकर रंगों के बारे में बात करेंगे या फिर छोटी-मोटी भूतिया कहानी के बारे में।’
अगले दिन क्लास से ठीक पहले राफेल को यह पत्र मिला तो उसकी आंखे नम हो गई और उसने खुशी से अमांडा को गले लगा लिया। राफेल ने कहा कि उसे क्लास में कुछ समझ नहीं आता था और वह अकेलापन महसूस करता था। यही कारण था कि उसका स्कूल आने का मन भी नहीं होता था।
औरों को भी मिले कोई अमांडा
राफेल ने कहा कि मैं खुश हूं कि मुझे अमांडा मिली और मैं उम्मीद करता हूं कि मुझ जैसे अन्य विस्थापित बच्चों को भी कोई न कोई अमांडा जरूर मिलेगी। अमांडा ने अपने इस स्पेनिश भाषी दोस्त के लिए अपने फोन में स्पेनिश लर्निंग एप भी इंस्टॉल कर लिया है। इन दोनों दोस्तों ने पिछले सप्ताह साथ में हेलोविन का उत्सव भी मनाया। इन दोनों की दोस्ती की कहानी और अमांडा की मां द्वारा पोस्ट किया गया वीडिया इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है।