प्रतिरक्षा प्रणाली भी होती है कमजोर
कई अध्ययनों ने भावनात्मक बुद्धिमत्ता और संवेदनशीलता को बीमारी से जोड़ा है। तनाव, चिंता और अवसाद प्रतिरक्षा प्रणाली को कम करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता न्यूरोपैप्टाइड्स के जरिए भावनात्मक स्थिति से जुड़ी होती है। न्यूरोपैप्टाइड्स एक रसायन है, जो शरीर और मन के बीच दूत का कार्य करता है। जब आपका मन तनाव या संकट से भर जाता है तो यह शरीर को रोग से लडऩे के लिए निर्देशित ऊर्जा को कम करने का संकेत देता है। यह परिवर्तन आघात के लिए आपके शरीर को नाजुक बना देता है।
कई अध्ययनों ने भावनात्मक बुद्धिमत्ता और संवेदनशीलता को बीमारी से जोड़ा है। तनाव, चिंता और अवसाद प्रतिरक्षा प्रणाली को कम करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता न्यूरोपैप्टाइड्स के जरिए भावनात्मक स्थिति से जुड़ी होती है। न्यूरोपैप्टाइड्स एक रसायन है, जो शरीर और मन के बीच दूत का कार्य करता है। जब आपका मन तनाव या संकट से भर जाता है तो यह शरीर को रोग से लडऩे के लिए निर्देशित ऊर्जा को कम करने का संकेत देता है। यह परिवर्तन आघात के लिए आपके शरीर को नाजुक बना देता है।