स्पेनिश फ्लू और विश्वयुद्ध से बचने वाले बुजुर्ग का कोरोना भी कुछ नहीं बिगाड़ पाया क्या है एंटीबॉडी (antibody)
जब कोई रोगी कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो जाता है तो वह एंटीबाडीज बन जाता है और उसकी इम्युनिटी अल्प और दीर्घ समय के लिए मजबूत हो जाती है। इससे इम्युनिटी सेल्स से प्रोटीन उत्सर्जित होता है, जो प्लाज्मा में पाए जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी या एंटीबॉडी थेरेपी से एक साथ कई मरीजों का इलाज किया जा सकता है।
जब कोई रोगी कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो जाता है तो वह एंटीबाडीज बन जाता है और उसकी इम्युनिटी अल्प और दीर्घ समय के लिए मजबूत हो जाती है। इससे इम्युनिटी सेल्स से प्रोटीन उत्सर्जित होता है, जो प्लाज्मा में पाए जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी या एंटीबॉडी थेरेपी से एक साथ कई मरीजों का इलाज किया जा सकता है।
वुहान में सफल रहा प्रयोग
वुहान में 10 मरीजों पर किए परीक्षण में सामने आया कि तीन दिन में ही रोगियों में बुखार, खांसी जैसे लक्षण समाप्त हो गए। लिवर, फेफड़े तथा ब्लड ऑक्सीजन में सुधार दिखा और एंटीबॉडी का स्तर भी उच्च बना रहा। ये सभी रोगी ठीक हो गए।
वुहान में 10 मरीजों पर किए परीक्षण में सामने आया कि तीन दिन में ही रोगियों में बुखार, खांसी जैसे लक्षण समाप्त हो गए। लिवर, फेफड़े तथा ब्लड ऑक्सीजन में सुधार दिखा और एंटीबॉडी का स्तर भी उच्च बना रहा। ये सभी रोगी ठीक हो गए।
भारत में भी प्लाज्मा थैरेपी के प्रयास (plasma therapy in india)
भारत में प्रोफेसर विजय चौधरी के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल पर शोध चल रहा है।
भारत में प्रोफेसर विजय चौधरी के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल पर शोध चल रहा है।
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स्पेनिश फ्लू के बाद 2005 में हांगकांग में सार्स रोगियों पर, 2009 में एच1एन1, 2014 में इबोला और 2015 में मर्स के रोगियों पर एंटीबॉडीज का सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा चुका है।
स्पेनिश फ्लू के बाद 2005 में हांगकांग में सार्स रोगियों पर, 2009 में एच1एन1, 2014 में इबोला और 2015 में मर्स के रोगियों पर एंटीबॉडीज का सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा चुका है।