scriptCovid 19 : प्लाज्मा थैरेपी कैसे बन सकती है कोरोना में संजीवनी | How plasma therapy can become lifesaving in corona | Patrika News

Covid 19 : प्लाज्मा थैरेपी कैसे बन सकती है कोरोना में संजीवनी

Published: Apr 21, 2020 12:55:21 am

Submitted by:

pushpesh

चीन में कोरोना के मरीजों को प्लाज्मा (plasma therapy corona) दिए जाने के 72 घंटे में ही हालत सुधरी

Covid 19 : प्लाज्मा थैरेपी कैसे बन सकती है कोरोना में संजीवनी

Covid 19 : प्लाज्मा थैरेपी कैसे बन सकती है कोरोना में संजीवनी

वाशिंगटन.

प्लाज्मा थैरेपी या एंटीबॉडी थैरेपी कोरोना के इलाज में नई रोशनी बनकर आई है। कोरोना से ठीक हो चुके मरीज के ब्लड प्लाज्मा से नए मरीजों के इलाज में मदद मिली है। चीन में कोरोना के गंभीर मरीजों को यह प्लाज्मा दिए जाने के 72 घंटे में ही लक्षण खत्म होने लगे और हालत सुधरी। ब्रिटेन के अलावा अमरीका के माउंट सिनाई अस्पताल में भी इसका प्रयोग किया गया है। ह्यूस्टन अस्पताल में भी कोरोनावायरस रोगियों को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थैरपी का इस्तेमाल किया गया है। अभी रोगी के स्वास्थ्य पर निगरानी की जा रही है। अस्पताल के चिकित्सक डॉ. एरिक सालाजर ने बताया कि अभी वैक्सीन में समय लग सकता है, इसलिए प्लाज्मा थैरेपी एक बेहतर विकल्प है। इस थैरेपी का इस्तेमाल पहली बार 1918 में स्पैनिश फ्लू महामारी के समय हुआ था। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि ठोस निष्कर्ष के लिए और अध्ययन की जरूरत है।
स्पेनिश फ्लू और विश्वयुद्ध से बचने वाले बुजुर्ग का कोरोना भी कुछ नहीं बिगाड़ पाया

क्या है एंटीबॉडी (antibody)
जब कोई रोगी कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो जाता है तो वह एंटीबाडीज बन जाता है और उसकी इम्युनिटी अल्प और दीर्घ समय के लिए मजबूत हो जाती है। इससे इम्युनिटी सेल्स से प्रोटीन उत्सर्जित होता है, जो प्लाज्मा में पाए जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी या एंटीबॉडी थेरेपी से एक साथ कई मरीजों का इलाज किया जा सकता है।
वुहान में सफल रहा प्रयोग
वुहान में 10 मरीजों पर किए परीक्षण में सामने आया कि तीन दिन में ही रोगियों में बुखार, खांसी जैसे लक्षण समाप्त हो गए। लिवर, फेफड़े तथा ब्लड ऑक्सीजन में सुधार दिखा और एंटीबॉडी का स्तर भी उच्च बना रहा। ये सभी रोगी ठीक हो गए।
भारत में भी प्लाज्मा थैरेपी के प्रयास (plasma therapy in india)
भारत में प्रोफेसर विजय चौधरी के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल पर शोध चल रहा है।
CORONA : चीन में कोरोना से ठीक हुए मरीजों के लिए गाइडलाइन, दूसरे देशों में क्या हैं?

पहले भी हुआ इस्तेमाल
स्पेनिश फ्लू के बाद 2005 में हांगकांग में सार्स रोगियों पर, 2009 में एच1एन1, 2014 में इबोला और 2015 में मर्स के रोगियों पर एंटीबॉडीज का सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा चुका है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो