वैज्ञानिक मैथ्यू वाकर का कहना है कि इंसान एकमात्र ऐसा प्राणी है जो खुद को जानबूझकर नींद से वंचित कर लेता है। हम अपने टीवी शो देखने के लिए देर से सोते हैं और किसी काम या स्कूल जाने के लिए जल्दी उठते हैं। वर्ष में दो बार अपनी घड़ी की सुइयों को अपने शरीर की आंतरिक घड़ी के मुताबिक बदल लेते हैं। स्वास्थ्य अर्थशास्त्र के जर्नल में हाल ही प्रकाशित शोध में पाया गया है कि हमने प्राकृतिक और सामाजिक घडिय़ों के बीच विरोधाभास पैदा कर दिया है। अध्ययन में पाया गया है कि टाइम जोन की गलत दिशा में रहने से किस तरह स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है। पिट्सबर्ग विवि के ओसा गिंटेला और डेला विवि के फैब्रिजिओ मेजोना के अध्ययन को समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि सूर्यास्त के स्थानीय समय को टाइम जोन कैसे प्रभावित करता है। पूर्व से पश्चिम की ओर जाते-जाते सूर्योदय और सूर्यास्त भी देरी से होता है।
मिसाल के तौर पर, फ्लोरिडा का पनामा सिटी सेंट्रल टाइम जोन से दूर पूर्व में स्थित है जबकि टेक्टसास का पेकोस सुदूर पश्चिम में। इस सप्ताह पनामा सिटी में सूर्यास्त शाम 7.12 मिनट पर हुआ, जबकि पश्चिम के पेकोस में एक घंटे बाद 8.5 मिनट पर सूर्यास्त हुआ। सूर्यास्त इसकी जैविक वजह है। प्राकृतिक प्रकाश कम होने से शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन ज्यादा रिलीज होता है। नतीजतन पश्चिम की तुलना में पूर्व के लोग सूर्यास्त जल्दी होने से जल्दी सो जाते हैं। स्लीप टे्रकर जाबोन के दस लाख यूजर्स पर अध्ययन में सामने आया कि आप जब पूर्व से पश्चिम की ओर नया टाइम जोन पार करते हैं तो कैसे सोने का समय भी बदल जाता है। मेजोना ने अपने अध्ययन में पाया है कि टाइम जोन और सोने के समय में बदलाव से शरीर और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होता है।
ऐसे पड़ता है शारीरिक और आर्थिक प्रभाव
अमरीकी टाइम जोन में देर से सूर्यास्त होने वाले क्षेत्रों में औसतन 11त्न ओवरवेट और 21 त्न मोटे लोग होते हैं। मधुमेह के साथ हार्ट अटैक का खतरा 19त्न बढ़ जाता है। स्तन कैंसर की आशंका ऐसे क्षेत्रों में 5 त्न अधिक रहती है। यहां आर्थिक अंतर भी पाया गया। कम सोने वाले क्षेत्रों में उत्पादकता पर भी खराब असर पड़ता है। मजदूरी में भी 3त्न की कमी आती है, जो आर्थिक उत्पादकता पर नकारात्मक असर डालती है।
अमरीकी टाइम जोन में देर से सूर्यास्त होने वाले क्षेत्रों में औसतन 11त्न ओवरवेट और 21 त्न मोटे लोग होते हैं। मधुमेह के साथ हार्ट अटैक का खतरा 19त्न बढ़ जाता है। स्तन कैंसर की आशंका ऐसे क्षेत्रों में 5 त्न अधिक रहती है। यहां आर्थिक अंतर भी पाया गया। कम सोने वाले क्षेत्रों में उत्पादकता पर भी खराब असर पड़ता है। मजदूरी में भी 3त्न की कमी आती है, जो आर्थिक उत्पादकता पर नकारात्मक असर डालती है।
क्या है टाइम जोन
दुनिया में समय के सही आकलन के लिए 1884 में पृथ्वी को 24 टाइम जोन में बांटा गया था। चूंकि पृथ्वी 360 देशांतर में बंटी है, इसलिए प्रत्येक 15 देशांतर पर एक टाइम जोन में एक घंटे का फर्क आता है। इंग्लैंड के ग्रीनविच शहर से गुजरने वाली काल्पनिक रेखा पूरी दुनिया के लिए मानक है। ये 0 डिग्री पर है। ग्रीनविच रेखा के दाहिनी ओर समय आगे व बाईं ओर समय पीछे रहता है।
दुनिया में समय के सही आकलन के लिए 1884 में पृथ्वी को 24 टाइम जोन में बांटा गया था। चूंकि पृथ्वी 360 देशांतर में बंटी है, इसलिए प्रत्येक 15 देशांतर पर एक टाइम जोन में एक घंटे का फर्क आता है। इंग्लैंड के ग्रीनविच शहर से गुजरने वाली काल्पनिक रेखा पूरी दुनिया के लिए मानक है। ये 0 डिग्री पर है। ग्रीनविच रेखा के दाहिनी ओर समय आगे व बाईं ओर समय पीछे रहता है।