scriptपुण्यतिथिः हुस्नलाल ने दिया था मो. रफी को पहला ब्रेक | Husnlal was the first music director who gave break to Mohd. Rafi | Patrika News

पुण्यतिथिः हुस्नलाल ने दिया था मो. रफी को पहला ब्रेक

Published: Dec 28, 2015 04:21:00 pm

भारतीय फिल्म जगत की पहले संगीतकार हुस्नलाल-भगतराम की जोड़ी आज ही के दिन टूटी थी, आज ही हुस्नलाल ने दुनिया को अलविदा कहा था

Husnlal-Bhagatram

Husnlal-Bhagatram

भारतीय फिल्म संगीत जगत में अपनी धुनों के जादू से श्रोताओं को मदहोश करने वाले संगीतकार तो कई हुए और उनका जादू भी श्रोताओं के सिर चढ़कर बोला लेकिन उनमें कुछ ऐसे भी थे जो बाद में गुमनामी के अंधेरे में खो गये और आज उन्हें कोई याद भी नहीं करता। फिल्म इंडस्ट्री की पहली संगीतकार जोड़ी हुस्नलाल-भगतराम भी ऐसी ही एक प्रतिभा थे।

हिन्दी फिल्मों के सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक मोहम्मद रफी को प्रारंभिक सफलता दिलाने में हुस्नलाल-भगतराम का अहम योगदान रहा था। चालीस के दशक के अंतिम वर्षों में जब मोहम्मद रफी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर पार्श्वगायक अपनी पहचान बनाने में लगे थे तो उन्हें काम ही नहीं मिलता था। तब हुस्नलाल-भगतराम की जोड़ी ने उन्हें एक गैर फिल्मी गीत गाने का अवसर दिया था।

वर्ष 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद इस जोडी ने मोहम्मद रफी को राजेन्द्र कृष्ण रचित गीत सुनो सुनो ऐ दुनिया वालों बापू की अमर कहानी गाने का अवसर दिया। देशभक्ति के जज्बे से परिपूर्ण यह गीत श्रोताओं में काफी लोकप्रिय हुआ। इसके बाद अन्य संगीतकार भी मोहम्मद रफी की प्रतिभा को पहचानकर उनकी तरफ आकर्षित हुये और अपनी फिल्मों में उन्हें गाने का मौका देने लगे।

मोहम्मद रफी हुस्नलाल-भगतराम के संगीत बनाने के अंदाज से काफी प्रभावित थे और उन्होंने कई मौकों पर इस बात का जिक्र भी किया है। मोहम्मद रफी सुबह चार बजे ही इस संगीतकार जोड़ी के घर तानपुरा लेकर चले जाते थे और संगीत का रियाज किया करते थे। 

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