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लगातार ब्लीडिंग हो रही है, तो आपको हो सकती है यह जानलेवा बीमारी, सरकारी अस्पताल में फ्री होता है इलाज

हीमोफिलिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इसके लक्षण पुरुष में मिलते हैं, लेकिन महिलाओं से परिवार में यह बीमारी आगे बढ़ती है। बच्चा जब जन्म लेता है तो रक्त का स्त्राव अधिक होता है। स्कीन में दाग धब्बे व जोड़ों में खून एकत्रित हो जाता है।

कोटाApr 17, 2024 / 03:05 pm

जमील खान

World Hemophilia Day : कोटा. हीमोफीलिया रोग और अन्य वंशानुगत रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 17 अप्रेल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। 1989 में, वल्र्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया (डब्ल्यूएफएच) ने डब्ल्यूएफएच के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल के जन्मदिन के समान में विश्व हीमोफिलिया दिवस की शुरुआत की गई थी। हाड़ौती अंचल में भी हीमोफिलिया के कई रोगी है। एमबीएस अस्पताल में वातानुकूलित डे केयर सेंटर बना हुआ है। हीमोफिलिया सेंटर के प्रभारी व मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. सीपी मीणा के मुताबिक, करीब 70 मरीज हीमोफिलिया के रजिस्टर्ड हैं।
ऐसे होते हैं लक्षण
हीमोफिलिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इसके लक्षण पुरुष में मिलते हैं, लेकिन महिलाओं से परिवार में यह बीमारी आगे बढ़ती है। बच्चा जब जन्म लेता है तो रक्त का स्त्राव अधिक होता है। स्कीन में दाग धब्बे व जोड़ों में खून एकत्रित हो जाता है। जब ऐसे व्यक्ति को कोई चोट लगती है तो उसके शरीर से रक्त का स्त्राव अधिक होता है। इलाज के लिए जांच जरूरी डॉ. मीणा ने बताया कि जिनके माता-पिता यदि हीमोफिलिया से पीडि़त हैं तो बच्चों का स्क्रीनिंग टेस्ट भी जरूरी है। इलाज के लिए ब्लड का फैक्टर चढ़ाना होता है। इसके लिए 2 से 3 घंटे का समय लगता है। हीमोफिलिया के लिए मरीजों के एक लाख रुपए का खर्चा आता है, लेकिन एमबीएस अस्पताल में इंजेक्शन, दवाइयां मरीजों के लिए नि:शुल्क हैं।

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