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आइआइटी बॉम्बे के छात्रों ने बनाया ऐसा ऐप जो कोरेंटाइन का उल्लंघन करने वालों को टै्रस करेगा

Published: Apr 07, 2020 12:59:56 am

Submitted by:

pushpesh

-एक सप्ताह के भीतर डवलप किया नया ऐप (bombay iit)

आइआइटी बॉम्बे के छात्रों ने बनाया ऐसा ऐप जो कोरेंटाइन का उल्लंघन करने वालों को टै्रस करेगा

ऐप जो कोरेंटाइन का उल्लंघन करने वालों को टै्रस करेगा

आइआइटी बॉम्बे के छात्रों ने ऐसा ऐप तैयार किया है, जो कोरेंटाइन के मामलों की अचूक निगरानी रखेगा। अर्थात किसी कोरेंटाइन किए व्यक्ति ने इसका उल्लंघन तो नहीं किया है। ‘कोरेंटाइन’ नाम का ये एप संपर्क में आए लोगों की भी निगरानी और वायरस के प्रसार को सीमित रखने में अधिकारियों की मदद करेगा। आइआइटी के दो शिक्षकों मंजेश के हनावल और गणेश रामकृषण के नेतृत्व में छात्रों की टीम ने इस ऐप को विकसित किया है। इसमें पूर्व छात्र अश्विन गामी, आयुष महेश्वरी ने भी सहयोग किया है। हैनवाल का कहना है कि ऐप के जरिए गैर संक्रमित लोगों को संभावित संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से सतर्क किया जा सकेगा।
ऐप कैसे काम करता है
यह ऐप अधिकृत मोबाइल एजेंसी के सर्वर से जीपीएस के जरिए कॉर्डिनेट करता है। इसमें यदि कोई व्यक्ति कोरेंटाइन क्षेत्र से बाहर आता है तो वह स्वत: डिटेक्ट हो जाएगा। टै्रक करने के लिए ऐप और सर्वर को कॉन्फिगर किया जाता है, जिससे यूजर संक्रमित के संपर्क में आए व्यक्ति के मूवमेंट पर नजर रख सकता है, जो कोरंटाइन से आया है।
कोरोना की लड़ाई में उपयोगी
ये ऐप इसलिए भी उपयोगी है, क्योंकि कोरेंटाइन क्षेत्रों से बचकर जाने वाला व्यक्ति हजारों लोगों को जोखिम में डाल देता है। इस ऐप के जरिए अधिकारी वायरस के वाहक (संक्रमित) को टै्रक आसानी से कर सकते हैं, जिससे टीम की अनावश्यक भागदौड़ बचेगी और इस समय का उपयोग अन्य जरूरी कार्यों में किया जा सकता है।
कोरोना के आते ही जुट गए
ऐप बनाने वाली टीम पहले से ऐसे ऐप को विकसित करने की तैयारी में थी, जो कोरोना जैसी दूसरी महामारी से मानव जाति को बचाने में मददगार हो। इसी बीच कोरोना भारत में आ गया। अश्विन गामी कहते हैं, हमने अपना ध्यान कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने की दिशा में मोड़ दिया और एक सप्ताह के भीतर इस ऐप को तैयार किया। गामी कहते हैं कि इस ऐप को एंड्रॉयड वर्जन के लिए तैयार कर दिया गया है, लेकिन अभी लॉन्चिंग बाकी है।
दिल्ली आइआइटी स्टूडेंट्स ने एप डवलप किया
दिल्ली आइआइटी के पांच छात्रों ने भी ऐसा एप्लीकेशन तैयार किया है। यह ऐसे लोगों की पहचान करेगा, जो वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है। एप्लीकेशन ब्लूटूथ तकनीक से काम करता है और संक्रमित के करीब जाने वाली आबादी को टै्रक करने में मदद करता है।
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