scriptचार आइआइटियन्स ने दिया हवा में कार्बन डाईआक्साइड का प्रदूषण रोकने का फार्मूला | IIT students gave the formula to stop the carbon pollution | Patrika News

चार आइआइटियन्स ने दिया हवा में कार्बन डाईआक्साइड का प्रदूषण रोकने का फार्मूला

Published: Nov 20, 2021 08:35:52 pm

Submitted by:

pushpesh

-एक्सप्राइज कार्बन रिमूवल चैलेंज में 1.85 करोड़ जीतने वाली बॉम्बे आइआइटी की टीम का इनोवेशन

चार आइआइटियन्स ने दिया हवा में कार्बन डाईआक्साइड का प्रदूषण रोकने का फार्मूला

चार आइआइटियन्स ने दिया हवा में कार्बन डाईआक्साइड का प्रदूषण रोकने का फार्मूला

अरुण शर्मा. जयपुर. औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले काले धुएं यानी कार्बन डाई आक्साइड को अब हवा में फैलने से रोका जा सकेगा। इतना नहीं हवा को दूषित करने वाली यह जहरीली गैस परिवर्तित करके दूसरे उद्योगों के लिए उपयोगी भी बनाई जा सकेगी। यह शोध किया है आइआइटी बॉम्बे के चार विद्यार्थियों ने। करीब चार महीने तक किए गए इस शोध प्रोजेक्ट के आधार पर आइआइटियन्स की इस टीम ने मस्क फाउंडेशन की ओर से ‘एक्सप्राइज रिमूवल चैलेंज’ में छात्र वर्ग का पुरस्कार भी जीता है। टीम के सदस्य एवं आइआइटियन जूनियर रिसर्च फैलो शुभम कुमार ने बताया कि टीम वर्क से कार्बन कैप्चर का फार्मूला तैयार किया गया है।
XPRIZE Carbon Removal Challenge : ऐसे जीत सकते हैं 100 मिलियन डॉलर

ग्रुप चर्चा में निकला फॉर्मूला, चार माह लगे
अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर विक्रम विशाल और प्रोफेसर अर्णव दत्ता ने बीते मई में एक्सप्राइज कार्बन रिमूवल चैलेंज के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी थी। जून में आइआइटी के छात्रों की दो टीमें बनाकर शोध प्रोजेक्ट शुरू किया गया। करीब चार माह के प्रोजेक्ट वर्क के बाद क्लाइमेट प्रोग्राम से जुड़े श्रीनाथ अय्यर, शुभम कुमार, कैमेस्ट्री प्रथम वर्ष की छात्रा अन्वेषा बनर्जी और एनर्जी साइंस तृतीय वर्ष की छात्रा सृष्टि भामरे का फॉर्मूला प्रतियोगिता के के लिए चयनित हुए। शुभम ने बताया कि अक्टूबर में यह फॉर्मूला एक्सप्राइज चैलेंज की वेबसाइट पर भेजा गया, जिसे जूरी ने 1 करोड़ 85 लाख रुपए की प्राइज मनी के लिए चुना गया।
एक्सप्राइज कार्बन रिमूवल चैलेंज की नियम और शर्तें

इंडस्ट्रीज में करेंगे ट्रायल
चारों स्टूडेंट जूरी सदस्यों से मिले सुझावों के साथ अब प्रोजेक्ट के लिए लैब वर्क व इंडस्ट्री ट्रायल की तैयारी कर रहे हैं। शुभम ने बताया कि वे चारों प्रोजेक्ट को लेकर एक दूसरे से ऑनलाइन चर्चा करते हैं।
कार्बन डाई आक्साइड के स्रोत
सीमेंट प्लांट,पेट्रोलियम रिफाइनरीज, यूरिया प्लांट, अन्य बड़ी इंडस्ट्रीज से धुएं के रूप में निकलता है।

ऐसे हटाएंगे कार्बन (चित्र में देखें)

स्टेज-1 कार्बन कैप्चर: इंडस्ट्री से निकलते ही कार्बन डाइऑक्साइड को हवा में जाने से पहले ही प्लांट में कैप्चर कर लिया जाएगा। यहां से अगले प्रोसेस में काम लेंगे।
स्टेज- 2 कम्पे्रशन: रासायनिक प्रक्रिया से इसे कैल्सियम कार्बोरेट जैसे उपयोगी साल्ट में बदला जाएगा।
स्टेज- 3 ट्रांसपोर्टेशन : इंडस्ट्रीज के धुएं से तैयार कैल्सियम कार्बोरेट को स्टोर किया जाएगा।
कैसे उपयोगी: इंडस्ट्रीज से निकलने वाले धुएं से वातावरण प्रदूषित नहीं होगा और सीमेंट, कागज, कपड़ा जैसे उद्योगों में उपयोग हो सकेगा।
क्या कहते हैं स्टूडेंट्स…..

मिशन मंगल से मिली प्रेरणा…
मुझे कुछ नया करने की प्रेरणा इसरो के मिशन मंगल से मिली। हम भले ही विकासशील राष्ट्र हैं, लेकिन हमें विकसित देशों की तरह सोचना चाहिए। -शुभम कुमार, टीम के छात्र
————————————————————————
कभी नहीं मिले चारों विद्यार्थी
टीम के चारों विद्यार्थी कभी नहीं मिले। हमने पूरा प्रोजेक्ट ऑनलाइन चर्चा करके ही पूरा किया है। कार्बन कैप्चर विषय में रुचि थी, इसलिए वे इस प्रोजेक्ट से जुड़ी। -सृष्टि भामरे, टीम की छात्रा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो