हिंदी के महत्व का पता तमिलनाडु से बाहर जाने पर चला : सम्युक्ता प्रेम
Published: Dec 06, 2018 12:44:09 pm
तमिलनाडु से बाहर जाने के बाद ही मुझे हिंदी का महत्व समझ में आया और मिसेस इंडिया यूनिवर्स ग्लोब २०१८ की वजह से मुझे हिंदी को बेहतर तरह से समझने और सीखने का मौका मिला।
हिंदी के महत्व का पता तमिलनाडु से बाहर जाने पर चला : सम्युक्ता प्रेम
चेन्नई. तमिलनाडु से बाहर जाने के बाद ही मुझे हिंदी का महत्व समझ में आया और मिसेस इंडिया यूनिवर्स ग्लोब २०१८ की वजह से मुझे हिंदी को बेहतर तरह से समझने और सीखने का मौका मिला। यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘मिसेस इंडिया यूनिवर्स ग्लोब २०१८’ की विजेता शम्युक्ता प्रेम ने कहा इस प्रतियोगिता की वजह से मुझे देश के विभिन्न भागों से आए लोगों से मिलने, उनकी संस्कृति, वेश-भूषा और भाषा को समझने का मौका मिला। साथ ही मुझे कुछ नया सीखने का भी मौका मिला।
प्रतियोगिता के बारे में जानकारी देते हुए शम्युक्ता ने बताया कि उनके पति के प्रोत्साहन के बिना वे आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच सकती थी। उनके पति ने ही हर पल उनका मनोबल बढ़ाया जिससे उन्होंने देश के कोने-कोने से आई प्रतियोगियों को पीछे छोडक़र यह खिताब जीता। प्रतियोगिता में ५२ प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता दो श्रेणियों में आयोजित की गई २१-३५ वर्ष की महिलाओं के लिए गोल्ड और ३५-५० वर्ष की महिलाओं के लिए प्लेटिनम। शम्युक्ता ने यह अवार्ड गोल्ड श्रेणी में जीता है। वे आगे अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी। उन्होंने बताया कि उनके जीवन का उद्देश्य है कि वे अपना कोई ब्रांड स्थापित करें और समाज कल्याण के कार्य करें।