scriptदिन में टीचर तो रात को परफॉर्मर बन जाती हूं -त्रिथा | In the day the teacher becomes the performer on the night | Patrika News

दिन में टीचर तो रात को परफॉर्मर बन जाती हूं -त्रिथा

locationजयपुरPublished: Nov 15, 2018 10:35:16 pm

Submitted by:

Anurag Trivedi

ताबलु म्यूजिक फेस्ट में अपने बैंड ‘त्रिथा इलेक्ट्रिक्ल’ के साथ परफॉर्म करने आई सिंगर त्रिथा ने पत्रिका से शेयर किए अनुभव

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दिन में टीचर तो रात को परफॉर्मर बन जाती हूं -त्रिथा

जयपुर। “पांच साल की उम्र से क्लासिकल म्यूजिक से जुड़ाव रहा है। कोलकाता में जन्म लेने के बाद कुछ समय चैन्नई में रहना पड़ा। वहां आगरा घराने के पं. एमएस कुलकर्णी से संगीत सीखना शुरू किया। इसके बाद कोलकाता आना हो गया और यहां संगीत रिसर्च अकेडमी में क्लासिकल म्यूजिक की ट्रेनिंग ली। लगभग 10 साल पं. शांतनु बनर्जी से म्यूजिक सीखा। आज धु्रवपद के प्रसिद्ध गायक गुंदेचा बंधुओं से सीख रही हूं और दिल्ली में बच्चों को म्यूजिक पढ़ा भी रही हूं। सच कहूं तो दिन में टीचर तो रात को परफॉर्मर बन जाती हूं।” यह कहना है, म्यूजिक बैंड ‘त्रिथा इलेक्ट्रिक्ल’ की फाउंडर और लीड सिंगर त्रिथा का। पत्रिका से बात करते हुए त्रिथा ने बताया कि १७ साल की उम्र में “अंताक्षरी” की विजेता भी रही हूं। क्लासिकल म्यूजिक को यंगस्टर्स से जोडऩे का मन बनाया था और इसे कठिन रूप की जगह एक्सपेरिमेंटल म्यूजिक की तरह पेश करना शुरू किया।
ट्रेवलिंग के दौरान म्यूजिशियन को सर्च किया

त्रिशा ने बताया कि बॉलीवुड के कई लाइव शो के करने के बाद टॉलीवुड में काम मिलने लगा और कई फिल्मों में गाना भी गाया। खुद के लिए म्यूजिक बनाने और उन्हें पेश करने के लिए एक बैंड तैयार करने के लिए प्लान किया। इसके लिए ट्रेवलिंग शुरू की और यूरोप व पेरिस में म्यूजिशियंस से मुलाकात की। एक कलाकार पेरिस से और एक कोलकाता के आर्टिस्ट को जोड़ा और त्रिथा इलेक्ट्रिक्स बैंड तैयार किया। फ्रेंच ड्रम्स के साथ पॉल स्नाइटर और गिटार पर मैथियान ड्यूरिंग के साथ १६ देशों के टूर पर अपने म्यूजिक को प्रजेंट किया। बैंड के साथ हमने एक एलबम ‘रागा इन पेरिसÓ को तैयार किया। इसमें अलग-अलग राग को हमने डिफरेंट स्टाइल में तैयार किया। अभी बैंड में मैथियान के साथ ड्रम्स पर निखिल वासुदेवन जुड़े हुए हैं। जल्द ही हमारा एलबम ‘पाछा मामाÓ रिलीज होगा। इस बैंड के अलावा मै ‘त्रिथा और मार्टिनÓ और ‘स्पेसÓ प्रोजेक्ट पर काम कर रही हूं।
पापा चाहते थे डॉक्टर बनूं

उन्होंने बताया कि मेर पापा मुझे डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन मेरे म्यूजिक इंटरेस्ट ने कॅरियर को सिंगिंग की तरफ जोड़ दिया। आज मैं म्यूजिक थैरिपी के जरिए लोगों को हैल्दी रखने का काम कर रही हूं और पापा को कहती हूं कि डॉक्टर नहीं बनीं, लेकिन लोगों का इलाज करना जान गई हूं। त्रिथा ने कहा कि मुझे स्टेज मिलता है और हाथ में माइक मिलता है, एेसे में मेरा फर्ज बनता कि इसके जरिए लोगों तक सोशल मैसेज पहुंचा सकूं। म्यूजिक के साथ मैं सोशल मैसेज को कन्वे करने का काम भी करती हूं।

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