7 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के गृह मंत्रियों के साथ जैसलमेर में बैठक करेंगे राजनाथ
नई दिल्ली। सरकार पाकिस्तान से सटी सीमा को सील करने की तैयारी में है। सरकार का इरादा पाक से सटी 2,300 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील करने का है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस सिलसिले में 7 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के गृह मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। यह बैठक राजस्थान के जैसलमेर में होनी है। राजनाथ सिंह सीमा पर हालात का जायजा लेने के लिए वहां का दौरा कर रहे हैं। इस बैठक में सीमा सील करने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सीमा सील किए जाने का मतलब यह होगा कि सामान, यातायात और लोगों की आवाजाही सिर्फ एक या दो तयशुदा चेक-पॉइंट्स के जरिये होगी। इन चौकियों पर भारतीय सीमा में घुसने से पहले कागजातों की जांच करने और बाकी संबंधित काम पूरे किए जाएंगे। पंजाब में मौजूद वाघा-अटारी चेक पोस्ट दोनों देशों के बीच मुख्य प्रवेश-निकासी केंद्र है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि इसका मकसद सीमा पार से सामानों और लोगों की आवाजाही को एक-दो जगहों तक सीमित करना और बाकी जगहों पर इसे बंद करना है। इससे अवैध रास्तों को भी बंद करने में मदद मिलेगी। इन अवैध रास्तों का ज्यादातर इस्तेमाल तस्कर, अवैध प्रवासी और आतंकवादी करते हैं। तय ठिकानों पर सुरक्षा की समीक्षा कर इसे अपग्रेड किया जाएगा। वैध कागजातों और यात्रा दस्तावेज के बिना किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं होगी।
अधिकारियों के मुताबिक, उड़ी में भारतीय सेना के शिविर पर हुए हमले और इसके बाद भारत की तरफ से पीओके में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढऩे के मद्देनजर यह कदम उठाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए है। यह प्रस्ताव नियंत्रण रेखा (एलओसी) के लिए नहीं है। मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) करती है और नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की तैनाती है। फिलहाल एलओसी के पास उड़ी-सलामाबाद और पुंछ-रावलकोट व्यापार मार्ग के जरिये आवाजाही जारी है।
सीसीटीवी कैमरे लगाने पर विचार
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूद फासले को भरने के लिए केंद्र सरकार रेडार, सीसीटीवी कैमरे, लेजर बाड़ा और मोशन सेंसर्स लगाने के विकल्पों पर विचार कर रही है। अधिकारी ने बताया कि इसका मकसद अत्याधुनिक तकनीक की मदद से चौबीस घंटे चाक-चौबंद निगरानी करना है।