कटनी

आसान नहीं हो रहा सफर, यात्रियों की जेब और व्यापार पर पड़ रहा असर

कटनी से बिलासपुर लाइन में एक भी पैसेंजर ट्रेन नहीं, इमरजेंसी हुई तो टैक्सी में हजारों रुपए होते हैं खर्च

कटनीMar 25, 2021 / 06:11 pm

narendra shrivastava

Indian Rail, Train, Travel, Passenger, Taxi, Emergency, Business

कटनी। कोरोना संकट काल के बीच रेल सफर से अपनों के बीच पहुंचने से लेकर व्यापार के लिए यात्रा करने वाले हजारों यात्री परेशान हैं। ऐसे रेल यात्रियों का कहना है कि रेल अफसरों की मनमर्जी ने परेशानी और ज्यादा बढ़ा दी है। कटनी से बिलासपुर की ओर पडऩे वाले रेलवे स्टेशनों के बीच मध्यप्रदेश में ही तीन जिला मुख्यालय हैं। यहां तक दिन में एक भी पैसेंजर ट्रेन नहीं चलने से यात्रियों को आए दिन परेशान होना पड़ रहा है। इमरजेंसी में यात्रा करनी पड़ी तो लोगों को टैक्सी में कई गुना ज्यादा किराया देकर यात्रा करना पड़ रही है।

यह है यात्रियों की मांग
कटनी शहर में व्यापारिक खरीदी के लिए आने वाले रेल यात्रियों का कहना है कि रेल अधिकारियों से कई बार मांग की गई कि एक ऐसी पैसेंजर ट्रेन चले जो कटनी सुबह 11 बजे पहुंच जाए और यहां से बिलासपुर की ओर शाम के 4 बजे वापसी में रवाना हो। यात्रियों का कहना है कि कटनी से बिलासपुर लाइन में रेल अधिकारी यात्री ट्रेनों का समय मालगाड़ी परिचालन के अनुसार तय करते हैं, इससे यात्रियों को सफर के दौरान परेशानी होती है।

कटनी जंक्शन के बाद अगला रेलवे स्टेशन झलवारा बिलासपुर जोन में है। ऐसे में आए दिन यहां यात्री ट्रेनें विलंब होती है। ज्यादातर यात्री कटनी जंक्शन से ट्रेनें बदलते हैं, ऐसे यात्रियों की कई बार कनेक्टिंग ट्रेन तक छूट जाती है।

कटनी-बिलासपुर मेमू को चलाने की मांग
यात्रियों की मांग है कि कटनी से झलवारा, रूपौंद, विलायतकला, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर व अन्य स्टेशनों के बीच पैसेंजर ट्रेन नहीं चलने से गांव के छोटे स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। यात्रियों की मांग है कि कटनी-बिलासपुर मेमू ट्रेन यात्रियों की सुविधानुसार समय पर चलाई जाए।

रेलवे बोर्ड को पैसेंजर ट्रेनें का प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ जबलपुर जोन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.