अभिलाषा का कहना है कि हर तरफ प्रदूषण के बारे में डेटा तो उपलब्ध हैं लेकिन उसका विश्लेषण कोई नहीं करता। इसलिए हम ऐसी मशीनरी तैयार कर रहे हैं जो यह विश्लेषण ऑटोमेटेड तरीके से कर सके। ब्लू स्काई ऐनॅलिटिक्स, उपग्रहों से मिले आंकड़ों को सेंसरों से संबद्ध करती है और फिर उनका आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक के जरिएए भूस्थानिक स्थितियों के अनुसार आंकलन करती है। उनके स्टार्टअप ने ‘ब्रीजो’ BREEZO नाम का एक हवा की गुणवत्ता मापने वाला एक ऐप विकसित किया है जो उपयोगकर्ता को हवा में मौजूद हानिकारक गैसों की जानकारी देने के साथ उन्हें इसे कम करने के लिए जागरूक भी करता है।
ब्लू स्काई ऐनॅलिटिक्स अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित होने वाली ‘जूरी’ JURI नाम का डिजिटल प्लेटफॉर्म भी विकसित कर रही है जिससे अधिकारियों को खेतों और वनों में आग पर नजर रखने और उसे नियंत्रित करने में मदद मिल सकेगी। अभिलाषा का कहना है कि उनके दो लक्ष्य हैं, पहला-सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल करते हुए उन इकाइयों का पता लगाना जो भारत में वायु प्रदूषण की वजह हैं और यह भी जानना कि उनसे किस हद तक प्रदूषण हो रहा है। दूसरा-प्रदूषण वाले शहरों और क्षेत्रों के लोगों को एहतियात बरतने में सक्षम बनाना।वे वायु प्रदूषण को ‘सिस्टम डिजाइन समस्या’ के तौर पर देखती हैं जिसे हम ज्यादा बेहतर तकनीक से सुलझा सकते हैं।