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भारतीय उद्यमी जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से दूर कर रहीं जहरीला प्रदूषण

-फुलब्राइट-नेहरु मास्टर्स फेलो और युवा उद्यमी अभिलाषा पुरवार वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए तकनीक और आंकड़ों की मदद ले रही हैं।

जयपुरJan 28, 2020 / 07:18 pm

Mohmad Imran

भारतीय उद्यमी जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से दूर कर रहीं जहरीला प्रदूषण

भारतीय उद्यमी जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से दूर कर रहीं जहरीला प्रदूषण

अभिलाषा पुरवार GURUGRAM स्थित ‘ब्लू स्काई ऐनालिटिक्स’ की संस्थापक और सीईओ हैं। ब्लू स्काई एक डेटा इंटेलिजेंस स्टार्टअप है जो ARTIFICIAL INTELLIGENCE और DATA का उपयोग कर वायु प्रदूषण से लडऩे का काम कर रहा है। अभिलाषा ने आइआइटी वाराणसी व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अप्लाइड कैमिस्ट्री में बीटेक की डिग्री की है। उन्होंने मोटी तनख्वाह पर विदेशी कंपनियों में नौकरी करने की बजाय भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्र एवं राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को वायु प्रदूषण पर सलाह देने वाली विशेषज्ञ सलाहकार बनने का निर्णय लिया। फुलब्राइट-नेहरु मास्टर्स फेलोशिप के तहत 2015 से 2017 तक उन्होंने येल यूनिवर्सिटी में पर्यावरण नीतियों का अध्ययन भी किया। यहां उन्होंने माइक्रो इकोनॉमिक्स और कैपिटल मार्केट्स पर भी बहुत ध्यान दिया।2018 में भारत लौटीं। वे समझ गई थीं कि आंकड़ों में वह ताकत है कि वे पूरे परिदृश्य को ही बदल सकते हैं। उनकी इच्छा भारत में वायु प्रदूषण को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाने की भी थी।
भारतीय उद्यमी जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से दूर कर रहीं जहरीला प्रदूषण
तकनीक से दूर करेंगी प्रदूषण
अभिलाषा का कहना है कि हर तरफ प्रदूषण के बारे में डेटा तो उपलब्ध हैं लेकिन उसका विश्लेषण कोई नहीं करता। इसलिए हम ऐसी मशीनरी तैयार कर रहे हैं जो यह विश्लेषण ऑटोमेटेड तरीके से कर सके। ब्लू स्काई ऐनॅलिटिक्स, उपग्रहों से मिले आंकड़ों को सेंसरों से संबद्ध करती है और फिर उनका आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक के जरिएए भूस्थानिक स्थितियों के अनुसार आंकलन करती है। उनके स्टार्टअप ने ‘ब्रीजो’ BREEZO नाम का एक हवा की गुणवत्ता मापने वाला एक ऐप विकसित किया है जो उपयोगकर्ता को हवा में मौजूद हानिकारक गैसों की जानकारी देने के साथ उन्हें इसे कम करने के लिए जागरूक भी करता है।
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यह एक फ्रीमियम एप है जो साधारण इस्तेमाल करने वालों के लिए मुफ्त में उपलब्ध है और बड़े उपयोगकर्ताओं जैस उद्यमों, शोधकर्मियों और नियामक संस्थानों के लिए सब्सक्रिप्शन आधारित भुगतान पर उपलब्ध है। पुरवार का कहना है कि उनकी टीम ने पिछले साल ब्रीजो का बीटा संस्करण भी शुरू किया था जिसके 5000 से अधिक उपयोगकर्ता थे। उनकी टीम फिलहाल इसके डिजाइन में बदलाव कर रहे हैं और उसके कोडबेस को सुधार रहे हैं ताकि इस एयर क्वालिटी डेटा एप का भाषाई संस्करण शुरू कर सकें।

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आग पर नजर रखेगा यह ऐप
ब्लू स्काई ऐनॅलिटिक्स अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित होने वाली ‘जूरी’ JURI नाम का डिजिटल प्लेटफॉर्म भी विकसित कर रही है जिससे अधिकारियों को खेतों और वनों में आग पर नजर रखने और उसे नियंत्रित करने में मदद मिल सकेगी। अभिलाषा का कहना है कि उनके दो लक्ष्य हैं, पहला-सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल करते हुए उन इकाइयों का पता लगाना जो भारत में वायु प्रदूषण की वजह हैं और यह भी जानना कि उनसे किस हद तक प्रदूषण हो रहा है। दूसरा-प्रदूषण वाले शहरों और क्षेत्रों के लोगों को एहतियात बरतने में सक्षम बनाना।वे वायु प्रदूषण को ‘सिस्टम डिजाइन समस्या’ के तौर पर देखती हैं जिसे हम ज्यादा बेहतर तकनीक से सुलझा सकते हैं।
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