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जानिए वैलेंटाइन डे के कारोबार की दिलचस्प कहानी

Published: Feb 16, 2020 06:17:52 pm

Submitted by:

pushpesh

-अमरीका की एक महिला (Esther Howland) ने बदली कारोबार की दिशा

जानिए वेलेंटाइन के कारोबार की दिलचस्प कहानी

Esther Howland

जयपुर.

हाल ही दुनियाभर में जिस वैलेंटाइन डे की खुमारी देखी गई, उसे कारोबारी मुनाफे के रूप में भुनाने की शुरुआत फरवरी 1849 में हो गई थी। अमरीका में 20 वर्षीय महिला ने इस बारे में व्यापारिक नजरिए से सोचा। हालांकि फिलाडेल्फिया, बफेलो, न्यू ऑरलियन्स आदि शहरों में लोगों को यह दिवस मनाने और पैसा खर्च करने के लिए तरह-तरह के लुभावने ऑफर विज्ञापन के बोर्ड दुकानों पर टांगकर बताए जाते थे। तब अमरीका में एक दशक से माहौल रुमानी था। लोग छुट्टी के दिनों का भरपूर लुत्फ लेते थे। यूरोप में यह चलन पहले से था। लेकिन 1849 में दुकानदारों के लिए इस दिन प्यार के इजहार के नाम पर बिक्री बढ़ाने की संभावना नहीं थी। आमतौर पर कागज की पर्ची या टोकन पर कुछ तुकबंदी या कविताएं होती थीं जो काफी सस्ते बिकते थे। इन्हें अक्सर खुद दुकानदार ही बनाते व छापते थे। लेकिन बदलाव की शुरुआत उसी वर्ष वॉर्सेस्टर (मैसाच्युसेट्स) निवासी स्नातक कर चुकीं एस्तेर हावलैंड ने की। उसके पिता की किताबों और स्टेशनरी की दुकान थी।
उन्होंने वैलेंटाइन कार्ड रखने शुरू किए। इनकी डिजाइन को उस समय प्रचलित इंग्लैंड के कार्डों की नकल करके अच्छे कागज का इस्तेमाल कर ज्यादा आकर्षक बनाया। लेकिन कीमत के मामले में कोई समझौता नहीं किया। तब इनकी कीमत करीब 75 सैंट थी जबकि औसत अमरीकी कामगरों की कमाई एक डॉलर प्रतिदिन से कम थी। आज बात करें तो यह 125 डॉलर प्रतिदिन हो चुकी है। इन कार्डों को उन्होंने अपने भाई के जरिए बोस्टन व न्यूयॉर्क में प्रचारित करवाया। इससे ऑर्डर बढऩे लगे। मांग बढ़ी तो कई लोगों को काम पर रखा। उन्होंने न्यू इंग्लैंड वैलेंटाइन कंपनी बनाई।
ब्रांडिंग पर ध्यान दिया तो बिक्री बढऩे लगी
एस्तेर ने बाजार का अध्ययन किया और समझ गईं कि वैलेंटाइन डे से जुड़ी सस्ती और पुरातन सामग्री खरीदारों को लुभा नहीं रही है। उन्होंने प्रत्येक हावलैंड वैलेंटाइन कार्ड पर एक लाल रंग में बड़े आकार में “एच” के साथ मुहर लगाई और इसके साथ फूल-पत्ती जोड़ी। 1864 तक उनकी कंपनी के एजेंट अमरीका के कई राज्यों में हो गए थे। सालाना बिक्री 50 हजार से 75 हजार डॉलर थी जो उस समय भी बड़ी रकम थी।
खुद ताउम्र अविवाहित रहीं
एक नए बिजनेस का आइडिया देने वाली एस्तेर को बाद में वैलेंटाइन डे आयोजन की आविष्कारक से पुकारा गया। उनकी कारोबारी रणनीति अमरीकी बाजार में एकाधिकार की थी। प्रतिद्वंद्वियों को मात देने के लिए डमी कंपनियों की मदद ली। हालांकि एस्तेर खुद कभी प्यार नहीं कर सकीं। वे ताउम्र अविवाहित रहीं। सडक़ पर फिसलने के कारण उन्हें कई वर्षों तक व्हीलचेयर पर रहना पड़ा। वर्ष 1904 में अपने भाई के घर (मैसाच्युसेट्स) में उन्होंने अंतिम सांस ली।
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