जयपुर

सटटा बाजार ही नहीं जयपुर में हो रहे आइपीएल मैचों में भी खिलाड़ी और टीम के हिसाब से तय होती है टिकटों के कालाबाजारी की कीमत

जयपुर में हुए आइपीएल मैचों में अब तक धोनी का मैच रहा दर्शकों की पहली पसंद,1200 का टिकट बिका 4 हजार में

जयपुरMay 15, 2018 / 10:01 am

HIMANSHU SHARMA

जयपुर
आइपीएल के सटटा बाजार में ही नहीं बल्कि जयपुर में हो रहे आइपीएल मैचों में टिकट की कीमत भी मैच और खिलाड़ी के हिसाब से तय होती हैं। जयपुर में चल रहे टिकटों के कालाबाजारी के खेल में चौंकाने वाले तथ्य निकल कर सामने आए है जिसमें सटटा बाजार की तरह ही टिकट ब्लैक करने वाले मैच व खिलाड़ी की पसंद के आधार पर टिकट का रेट तय करते हैं। हमारे संवाददाता ने आठ मई जयपुर में हुए किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयलस के मैच व 11 मई को हुए चैन्नई सुपरकिंग्स के मैच के दौरान टिकटों की कालाबाजारी को लेकर स्टेडियम के बाहर आॅफिशियल काउंटर पर टिकट बेच रहे कर्मचारियों से संपर्क किया तो यह तथ्य निकल कर सामने आए।
क्रिस गेल के लिए तीन गुणा रेट में ब्लैक हुई टिकट, तो धोनी के देखने के लिए दिए चार गुणा पैसे
एसएमएस स्टेडियम में आठ मई को हुए पंजाब और राजस्थान रॉयलस के मैच से पहले ही काउंटर पर बैठे कर्मचारियों ने सस्ते टिकट खत्म होने की बात कहकर काउंटर पर टिकट बेचना बंद कर दिया। इसके बाद काउंटर पर टिकट लेने जा रहे किक्रेटप्रेमियों को एक घंटे बाद टिकट के लिए संपर्क करने को कहकर अपना मोबाइल नंबर दे दिया। जिसके बाद मैच के टिकट लेने के लिए काउंटर से दिए गए नंबर पर संपर्क किया। जिसके बाद संवाददाता ने ग्राहक बनकर फोन किया और पंजाब का मैच देखने के लिए टिकट खरीदने के लिए बातचीत की तो एक हजार की टिकट तीन हजार में देने की बात कही। इसके बाद दोबारा फोन करके अगले चैन्नई के मैच के लिए टिकट करवाने की बात कही तो टिकट विक्रेता ने कहा कि इस मैच की ले लो अगले में तो ओर भी महंगी मिलेगी। जिसके बाद 11 मई को हुए चैन्नई सुपरकिंग्स के मैच में टिकट के लिए कॉल किया तो टिकटों की कालाबाजारी कर रहे इस युवक ने कहा कि धोनी का मैच है 1200 का टिकट चार हजार में मिलेगा।
फोन पर हुई बातचीत के अंश 8 मई
संवाददाता.भैया टिकट की बात हुई थी अपनी
कर्मचारी.कब हुई थी
संवाददाता.पिछले मैच में हुई थी बात, आपने कहा था कि इस मैच में खत्म हो गई अगले में करवा दूंगा
कर्मचारी.कौन बोल रहा है
संवाददाता.मैं आया था एक बार भैया के साथ जो मीडिया बॉक्स के पास जो खड़े रहते है ना उनके साथ
कर्मचारी.हां तो
संवाददाता.तो आपने कहा था कि करवा दूंगा मैच के टिकट
कर्मचारी.आपको कौनसे मैच के चाहिए
संवाददाता.इसी मैच के करवा दो तीन टिकट
कर्मचारी.करवा दूंगा तीन हजार रूपए एक टिकट के लगेंगे
संवाददाता.कौनसी रेट के है
कर्मचारी.एक हजार रूपए वाली है.
संवाददाता.अगले मैच के करवा दोगे क्या
कर्मचारी.अगला तो चैन्नई का है ओर महंगा मिलेगा इसी में ले लो.
संवाददाता.बताता हूं एक सैकंड।
फिर 11 मई को हुए चैन्नई के मैच से पहले फिर से इसी कर्मचारी से संपर्क साधा तो कर्मचारी ने फिर से टिकट ब्लैक में देने की हां भर ली। रेट को लेकर बात की तो कहा कि धोनी का मैच है 1200 की टिकट के चार हजार लगेंगे। टिकट की खूब डिमांड है टिकट खत्म हो गए यही बचे है ले जाओं। फिर संवाददाता ने रेट को लेकर मोल भाव किया और कहां कि पिछले मैच में रेट कम ही थी तो टिकट ब्लैक कर रहे कर्मचारी ने कहा कि गेल को देखने की ही डिमांड थी अब चैन्नई का मैच है धोनी, रैना जड़ेजा सहित कई नामी खिलाड़ी खेल रहे है तो रेट कम नहीं होगी। डिमांड ज्यादा हैं।
इसी मैच आए थे डूप्लीकेट फर्जी टिकट
चैन्नई के साथ हुए इसी मैच में फजी टिकट को लेकर भी बवाल हुआ था। जिसमें असल टिकट को हूबहू स्कैन करके डूप्लीकेट टिकट दर्शकों को बेच दिया गया। मैच से पहले प्रवेश द्वार लगी टिकट स्कैन मशीन पर टिकट स्कैन नहीं हुआ तो टिकटों के फर्जी होने का पता चला। जिसके बाद दर्शकों ने कहा कि उन्होंने तो यही स्टेडियम से लगे टिकट काउंटर से टिकट खरीदा हैं। जिसके बाद कई दर्शक पैसे देकर भी मैच नहीं देख पाए थे।
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