एक साथ 20 उपग्रह लॉन्च कर इतिहास रचेगा इसरो
Published: Jun 21, 2016 10:30:00 am
इसरो के अंतरिक्ष यान पीएसएलवी-सी34 के प्रक्षेपण के लिए 48 घंटे की उल्टी गिनती सोमवार को शुरू हो गई है
ISRO launching first made in India space shuttle
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने एक और रिकॉर्ड मिशन की तरफ बढ़ रहा है। अंतरिक्ष में भारत के सफर में एक नया अध्याय जोडऩे वाले अंतरिक्ष यान पीएसएलवी-सी34 के प्रक्षेपण के लिए 48 घंटे की उल्टी गिनती सोमवार को शुरू हो गई है। 22 जून को सुबह 9:26 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एकल मिशन में रिकॉर्ड 20 उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल पीएसएलवी-सी34 का इस्तेमाल किया जाएगा। इनमें भारत का पृथ्वी की निगरानी करने वाला अंतरिक्ष यान कार्टोसैट-2 शामिल है। गूगल की कंपनी टेराबेला का अर्थ इमेजिंग उपग्रह (स्काईसैट जेन-2) भी है।
775 करोड़ कमाए
वर्ष 2016-17 में इसरो का लक्ष्य पीएसएलवी से 25 विदेशी उपग्रह भेजने का है। इसरो की कॉमर्शियल इकाई एंट्रिक्स ने वर्ष 2015-16 में सैटेलाइट लॉन्च कर 775 करोड़ रुपए की कमाई की है। यह 2014-15 से 16 फीसदी ज्यादा है। पीएसएलवी दुनिया का सबसे सस्ता लॉन्च व्हीकल है।
03 स्वदेशी तथा 17 विदेशी उपग्रह (अमरीका, कनाडा, जर्मनी व इंडोनेशिया) हैं
1,288 किलोग्राम है कुल वजन
727.5 किलोग्राम का कार्टोसैट-2 भी है
02 उपग्रह भारतीय विवि/शिक्षण संस्थानों के हैं
1.5 किलोग्राम वजनी सत्यभामा सैट ग्रीन हाउस की जानकारी देगा
01 किलोग्राम वजनी स्वायन हैम रेडियो कम्यूनिटी के लिए संदेश भेजेगा
505 किमी की ऊंचाई वाले सूर्य के साथ समचालित (सिंक्रोनस) कक्षा में स्थापित किया जाएगा
10 उपग्रह भेजे थे इसरो ने 2008 में
29 भेजे थे नासा ने वर्ष 2013 में
33 उपग्रह भेजे थे रूस ने 2014 में, अब तक सबसे ज्यादा