खास खबर

आवास योजना पर SC की टिप्पणी: “यह तो बड़ा घोटाला है”

राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना 2013 में केन्द्रीय आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने शुरू की थी

Apr 25, 2015 / 10:21 am

शक्ति सिंह

homeless in india

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत कम बने आवासों पर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट को बताया गया कि अब तक केवल 208 आवास ही बनाए जा सके हैं जबकि केन्द्र ने नौ लाख शहरी बेघरों के लिए आवास बनाने के निर्देश दिए थे। न्यायाधीश मदन बी लौकुर और न्यायाधीश यू.यू. ललित ने आंकड़ों पर अचम्भित होते हुए कहा,”यह तो बड़ा घोटाला है, केन्द्र का एफीडेविट सब कुछ बयां कर रहा है। धन कहां गया?”

11 राज्यों में एक भी मकान नहीं बना
केन्द्र ने इसके पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि योजना के तहत महाराष्ट्र को 170 करोड़ रूपए दिए गए थे लेकिन राज्य के एफीडेविट के अनुसार गत वित्तीय वर्ष तक राज्य में कोई आवास नहीं बना। इसी तरह उत्तर प्रदेश को 180 करोड़ रूपए दिए लेकिन केवल 37 आवास ही बने। 14 राज्यों में केवल 208 आवास ही बने हैं। शेष 11 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में कोई आवास नहीं बना।

दो हफ्ते के भीतर पेश करे खर्च का ब्यौरा
पीठ ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा, महाराष्ट्र में कोई आवास नहीं बना। 170 करोड़ रूपए जो जारी किए गए, उसका कैसे इस्तेमाल हुआ। पीठ ने केन्द्र को आदेश दिया कि वह दो हफ्ते के भीतर वित्तीय खर्च का ब्यौरा पेश करे। बेघरों के लिए काम करने वाले एडवोकेट ईआर कुमार ने कोर्ट में कहाकि सरकारों को इसके लिए जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए और केन्द्र को 1078 करोड़ के खर्च का ब्यौरा देना चाहिए।

क्या थी योजना
राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना 2013 में केन्द्रीय आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने शुरू की थी। इस योजना के तहत राज्य सरकारों को 790 में शहरों में शहरों में रहने वाले बेघर लोगों के लिए पक्के मकान बनाने थे। साथ ही इन मकानों में पानी, शौचालय और सुरक्षा भी मुहैया करानी थी।

Home / Special / आवास योजना पर SC की टिप्पणी: “यह तो बड़ा घोटाला है”

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.