जयपुर

jaipur . विद्याधरनगर में बनेंगे सबसे ज्यादा 23 पार्षद बनेंगे

जयपुर की शहरी सरकार के लिए वार्डो के परिसीमन का काम चल रहा है और इसके लिए विधानसभावार वार्डो का गठन किया जा रहा है। सबसे ज्यादा वार्ड विद्याधरनगर में और सबसे कम वार्ड आमेर विधानसभा सीट पर है, यानि की सबसे ज्यादा पार्षद विद्याधर नगर में होंगे और सबसे कम पार्षद आमेर में होंगे।

जयपुरAug 04, 2019 / 08:22 am

rahul

jaipur . विद्याधरनगर में बनेंगे सबसे ज्यादा 23 पार्षद बनेंगे


जयपुर की शहरी सरकार के लिए वार्डो के परिसीमन का काम चल रहा है और इसके लिए विधानसभावार वार्डो का गठन किया जा रहा है। सबसे ज्यादा वार्ड विद्याधरनगर में और सबसे कम वार्ड आमेर विधानसभा सीट पर है, यानि की सबसे ज्यादा पार्षद विद्याधर नगर में होंगे और सबसे कम पार्षद आमेर में होंगे। अभी वार्डो के आरक्षण की लॉटरी की तैयारी चल रही है और इस महीने यह पता लग जाएगा कि कोैनसा वार्ड किस वर्ग के लिए रहेगा।

विधानसभा सीट — वार्ड
…………………….
विद्याधर नगर — 23
झोटवाड़ा — 12
सिविललाइंस —— 16
सांगानेर — 22
बगरू — 12
मालवीय नगर— 15
आदर्शनगर — 16
किशनपोल — 14
हवामहल ——— 18
आमेर —————— 2

 


इस बार जयपुर नगर निगम में वार्डो की संख्या बढा दी गई है और 91 के बजाय कुल 150 वार्ड होंगे। ऐसे में अब जयपुर में डेढ सौ पार्षद शहरी सरकार को चलाएंगे। जयपुर नगर निगम को पहले की तरह ही दस विधानसभा सीटों पर बांटा गया है। इनमें जयपुर लोकसभा की आठ सीटें है बाकी दो सीटें झोटवाडा और आमेर की है जो जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट में आती है लेकिन यह नगर निगम एरिया में ही आएगा। डीएलबी ने वार्डो के नक्शें बनाकर राज्य सरकार को भेज दिए है और 19 अगस्त तक इसके लिए गजट नोटििफकेशन जारी कर दिया जाएगा
 

नगर निगम के वार्ड पुनर्गठन को लेकर भाजपा ने अपना विरोध दर्ज भी कराया था उसकी आपत्ति थी कि पुनर्गठन का काम कलेक्टेट के बजाय नगर निगम को ही सौंप दिया जिससे कई गडबडियां हो सकती है लेकिन इसके बाद भी प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया और पुनर्गठन का काम तेज कर दिया है। वार्ड की संख्या बढाने के साथ ही अब नगर निगम सहित प्रदेश के सभी निकायों के चुनाव में एक बदलाव यह भी कि इस बार मेयर, सभापति और नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी जनता ही करेगी। इस तरह अब जनता को पार्षद के साथ ही मेयर के लिए भी वोट देना होगा। कांग्रेस सरकार ने गत भाजपा सरकार के इस फैसलें को बदल दिया है जिसमें मेयर, सभापति और अध्यक्ष का चुूनाव बोर्ड ही करता था। इससे पहले 2009 में कांग्रेस सरकार ने ही इनके सीधे चुनाव कराने की व्यवस्था की थी और जयपुर सहित अधिकांश नगर निगमों में कांग्रेस के ही मेयर चुने गए थे। प्रदेश की सरकारें जयपुर को वल्र्ड क्लास सिटी बनाने के दावे करती रही। हालांकि जयपुर के परकोटे को यूनेस्कों की ओर से विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है। ऐसे में नए जनप्रतिनिधियों के सामने यह चुनौती रहेगी कि वह परकोटे और परकोटे के बाहर के जयपुर को कितना वर्ल्ड क्लास बना पाते है
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