जयपुर

JLF 2018- डिग्गी पैलेस दरबार में जयपुर बुकमार्क की हुई शुरुआत, 24 से 28 जनवरी चलेगा कार्यक्रम

कार्यक्रम के दूसरे दिन की बात करें तो 25 जनवरी को पब्लिशिंग प्रोसेस एंड पाॅलिसी प्राॅसपेक्टिव्स पर राउंडटेबल चर्चा होगी।

जयपुरJan 24, 2018 / 08:51 pm

पुनीत कुमार

जयपुर बुकमार्क की शुरुआत 24 जनवरी को डिग्गी पैलेस के दरबार में हुई और इसका आयोजन डिग्गी पैलेस में 24 से 28 जनवरी के बीच किया जाएगा। तो वहीं इसका पांचवां संस्करण पाठकों को एक किताब की यात्रा और बदलावों के माध्यम से उभरते हुए लेखकों, साहित्यिक एजेंटों और प्रकाशकों से लेकर बुक कवर डिजाइनर, ग्राफिक आर्टिस्ट और आॅडियो एवं डिजिटल प्लेटफाॅर्म प्रदाताओं के साथ चर्चा करने का भरपूर अवसर भी देता दिखाई दिया।
 

बता दें कि जयपुर बुकमार्क जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का एक समानांतर बी2बी सेगमेंट है। पिछले पांच वर्षों के दौरान जेबीएम एक महत्वपूर्ण फोरम के तौर पर उभरा है, जो प्रकाशकों साहित्यिक लेखकों अनुवादकों और पुस्तक विक्रेताओं के लिए एक बेहतर प्लेटफाॅर्म मुहैया कराता है। तो प्रकाशकों, साहित्यिक एजेंटों, लेखकों, अनुवादकों और पुस्तक विक्रेताओं को केंद्रित सत्रों और राउंडटेबल चर्चा के माध्यम से कारोबार पर बात करने के लिए एक साथ लाया है। जयपुर बुकर्माक की शुरुआत 2014 में हुई थी। जिसका आयोजन जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल मुख्य स्थल पर किया जा रहा है।
 

नीलसन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में भारतीय पुस्तक बाजार का आकार 4.6 अरब डाॅलर का था जिसके कारण भारत दुनिया में अंग्रेजी भाषा के पब्लिशिंग उद्योग का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया। मंगलवार 24 जनवरी को पहले दिन के आगाज पर चार महत्वपूर्ण सत्रों का आयोजन किया गया। जहां अक्षय राउतरे, शताब्दी मिश्रा, तिलक शर्मा, निक्को ओडिसेओस, श्रुति शर्मा के साथ ’’फार द लव आॅफ बुक्स’’ में उन असामान्य पुस्तकविक्रेताओं और क्यूरेटर्स पर बात हुई जिन्होंने नवोन्मेशी प्रकाशन और एक ट्रेज़र हंट के तौर पर मेट्रो पर किताबें छोड़ने, बुक फेयर में जाने और तिब्बती बुद्ध परंपराओं जैसी दिलचस्प प्रक्रियाओं पर किताबें पेश करने जैसे पढ़ने के तरीकों के साथ किताबों को बढ़ावा देने और सुरक्षित करने की दिशा में काम किया। वहीं बुक्स दैट स्पीकः द फ्यूचर आॅफ आॅडियो’’ में आॅडियो बुक्स की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
 

कार्यक्रम के दूसरे दिन की बात करें तो 25 जनवरी को पब्लिशिंग प्रोसेस एंड पाॅलिसी प्राॅसपेक्टिव्स पर राउंडटेबल चर्चा होगी। जिसमें जाने-माने प्रकाशक हिस्सा लेंगे और चर्चा को आगे बढ़ाएंगे। जबकि तीसरे दिन 26 जनवरी को डिस्ट्रिब्यूशन एंड आउटरीच इन इंडियन पब्लिशिंग में भारतीय भाषाओं में पुस्तकों के वितरण और प्रभावों के बारे में चर्चा की जाएगी। लंच के बाद इस दिन रोल आॅफ आर्ट इन बुक इंडस्ट्री पर एक आकर्षक सत्र आयोजित किया जाएगा। डिजिटल नैरेटिव्स पर आयोजित एक सत्र में अनुराग कश्यप, करण अंशुमान, पंकज दुबे, अर्पिता दास, अनु सिंह चैधरी, कैथी रिच्स, और समीर नायर जैसी जानी-मानी हस्तियां वाणी त्रिपाठी टिक्कू से बात करेंगी। जिसका आयोजन 27 जनवरी को होगा।
 

तो पांचवे और अंतिम यानि 28 जनवरी को अनुज बाहरी के साथ बातचीत में मीता कपूर, प्रीति गिल, केली फाल्कनर, पियरे एस्टियर, हैंस पीटर बेकेटिग एक एजेंट ओपेन हाउस में हिस्सा लेंगे। तो वहीं 20-25 चयनित प्रतिभागियों को पांचवे दिन फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जहां प्रकाशकों, साहित्यिक एजेंटों, लेखकों और अनुवादकों के विशेषज्ञ पैनल द्वारा सभी को अलग-अलग फीडबैक भी दिए जाएंगे। जेबीएम के शुरुआत में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए सह-निदेशक एवं प्रकाशक नीता गुप्ता ने कहा कि हम इस साल जयपुर बुकमार्क के पांचवे संस्करण के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बेहद खुश हैं। किताबों के कारोबार और अनुवाद के बारे में चर्चाओं की श्रृंखला के माध्यम से हमें दक्षिण एशियाई लेखकों में अधिक दिलचस्पी पैदा करने की उम्मीद है।
 

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2018 के बारे में-

गौरतलब है कि धरती पर आयोजित होने वाले ’सबसे बड़े साहित्यिक मेले‘ और ’साहित्यिक कुंभ‘ का दर्जा हासिल कर चुका जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल विचारों का विशाल मेला है। जबकि पिछले एक दशक के दौरान इस मंच पर 2000 वक्ताओं ने शिरकत की। देश-विदेश से आए दस लाख से अधिक पुस्तक प्रेमियों ने इसमें भाग लिया। तो वहीं इसे एक वैश्विक साहित्यिक आयोजन बना डाला। फेस्टिवल के बुनियादी मूल्यों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह आज भी अपनी मूल भावना में लोकतांत्रिक, गुट-निरपेक्ष मंच बना हुआ है। जो सभी के लिए मुफ्त और निष्पक्ष सुगमता की पेशकश करता है।
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