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एनओसी में फंसे सिंचाई के बांध

locationकरौलीPublished: Feb 25, 2018 06:22:08 pm

Submitted by:

vinod sharma

35 करोड़ ६० लाख के हैं दोनों बांध

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करौली.सपोटरा डांग क्षेत्र के गांवों को सरसब्ज करने के लिए स्वीकृत जल संसाधन विभाग के दो महत्वपूर्ण बांध वन विभाग की एनओसी में फंसे पड़े हैं। जिससे एक बांध का निर्माण शुरू होकर बंद गया है, जबकि दूसरे को वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भी वन विभाग से एनओसी (अनापत्ति) नहीं मिली है। इसके बाद भी सरकार के नुमाइंदे एनओसी के मामले का निस्तारण नहीं करा रहे हैं।
चालू होने के बाद काम बंद कराया
सपोटरा डांग क्षेत्र के दर्जनों गांवों में सिंचाई की सुविधा के लिए सरकार ने चार साल पहले १४३० लाख रुपए की लागत से खो लघु सिंचाई परियोजना स्वीकृति की। योजना के तहत १५ गांव-ढाणिओ के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलना था। ७८५ हैक्टेटर भूमि की सिंचाई होनी थी। वित्तीय स्वीकृति मिलने पर सरकार ने ६६७.८५ लाख रुपए का कार्य आदेश ठेकेदार को जारी कर दिया। ठेकेदार ने काम शुरू कर ३५ प्रतिशत के लगभग काम करा दिया। लेकिन अचानक वन विभाग ने निर्माण कार्य को वन भूमि बताकर बंद करा दिया, तब से निर्माण कार्यबंद है। इस पर जल संसाधान विभाग ने वन विभाग से एनओसी के लिए वन विभाग कार्यालय में आवेदन किया,जहां से पत्रावली को बढ़ाकार सवाईमाधोपुर के वन विभाग कार्यालय में एक साल पहले भेज दी। लेकिन अभी तक वन विभाग से एनओसी (अनापत्ति) नहीं मिलने से कार्य बंद है।
बजट घोषणा पूरी नहीं हो सकी
राज्य सरकार ने सत्र २०१२-२०१३ के बजट में दोहरी भरपुरा गांव के पास दोहरी लघु सिंचाई परियोजना २१३० लाख रुपए की लागत से मंजूर की। इस योजना से २५ गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधा देकर १००२ हैक्टेटर भूमि को सिंचित करना था। परियोजना की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति निकाल दी गई। इस परियोजना का १६.०९ हैक्टेयर डूब क्षेत्र कैलादेवी वन्य जीव अभ्यारण्य मेंआ रहा है। इस कारण जल संसाधन विभाग ने वन विभाग से एनओसी के प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत सेन्ट्रल एम्पायर्ड समिति नई दिल्ली भेजे, जहां से 5 अक्टूबर 2015 को स्वीकृति मिल चुकी है। इस पर वन विभाग से स्वीकृति के लिएआवेदन किया, लेकिन अभी तक वन विभाग से एनओसी नहीं मिली है।
सिंचाई को तरसे किसान
डांग के गांवों में बिजली सुविधा का अभाव होने से कुएं व नलकूपों से सिंचाई नहीं हो पाती है। इस कारण दोनों परियोजना डांग क्षेत्र के गांवों के लिएतैयार की गई है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिएपानी मिल सके। लेकिन दोनों परियोजना अपने अंजाम तक नहीं पहुंची है।
एनओसी के अभाव में काम बंद
निर्माण कार्य शुरू होने के बाद खो लघु सिंचाई परियोजना के कार्य को वन विभाग ने बंद करा दिया है तथा दोहरी लघु सिंचाई परियोजना को भी स्वीकृति नहीं दी है। इस कारण दोनों कार्यों के लिएएनओसी वन विभाग से मांगी है, लेकिन मिली नहीं है।
हरिश कुमावत अधिशासी अभियंता जल संसाधन विभाग करौली
सरकार की उदासीनता
सिमिर खो व दोहरी परियोजना का कार्य शुरू नहीं कराने में सरकार की उदासीनता है। बड़ी मुश्किल से कांग्रेस सरकार के शासन काल में बांधों का निर्माण स्वीकृत कराय था।
रमेश मीना विधायक सपोटरा
मंत्री से मिलेंगे
बांधों का निर्माण पूरा कराने से लिए जलसंसाधान विभाग के मंत्री से मुलाकात की जाएगी। बांधों का निर्माण से क्षेत्र को काफी फायदा होगा।
बद्री प्रसाद मीना जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा
किसानों की तस्वीर बदल सकती है
दोहरी परियोजना का कार्य होने से करणपुर डांग क्षेत्र के किसानों की तस्वीर बदल सकती है। क्योंकि अभी डांग में कोई बड़ा बांध नहीं है।
रमेश दीक्षित किसान सपोटरा
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