script

कुरजां के ठिकानों के विकास की कवायद शुरू

locationजोधपुरPublished: Aug 08, 2018 10:15:46 am

Submitted by:

Narayan soni

फलोदी. सात समन्दर पार कर मंगोलिया, कजाकिस्तान, चीन से शीतकालीन प्रवास पर फलोदी के खीचन गांव आने वाले मेहमान पक्षी कुरजां के खीचन में पड़ाव स्थलों के विकास की कवायद शुरू हो गई है।

kurjan

फलोदी के खीचन में उड़ान भरते हुए कुरजां

खीचन में कुरजां के पड़ाव स्थलों के विकास के लिए पर्यटन विभाग द्वारा करीब १.५० करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। जहां इस भूमि को कुरजां के शीतकालीन प्रवास को उपयुक्त बनाने के साथ ही पर्यटकों के लिए सुविधाओं भी विकसित की जाएगी। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को कुरजां की अठखेलियों को बेदह आराम से निहार सकेंगे। खीचन के इस प्रोजेक्ट को लेकर वन्यजीव विभाग द्वारा डीपीआर बनाई जा रही है तथा इसी वर्ष राशि स्वीकृत होने के बाद कार्य शुरू होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका द्वारा ८ दिसम्बर २०१६ को प्रकाशित विशेष कवरेज ‘कुरजां केवें-कीकर आवां म्हे थारे देस’ प्रकाशित होने के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्वप्ररेणा ली थी। जिस पर उच्च न्यायालय ने मामले का निस्तारण करते हुए खीचन में कुरजां के पड़ाव स्थलों को प्रवास के उपयुक्त बनाने के आदेश दिए थे। जिसमें विशेषज्ञों की टीम ने कई बिन्दुओं पर कार्य करने की आवश्यकता बताई थी।
पर्यटन विभाग खर्च करेगा 1.50 करोड़-
क्षेत्रीय वन्यजीव अधिकारी, खीचन (फलोदी) धर्मदास ने बताया कि खीचन में कुरजां के पड़ाव स्थलों के विकास के लिए पर्यटन विभाग द्वारा 1.50 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। इसके लिए विभाग से डीपीआर मांगी गई है। डीपीआर भेजने के बाद पर्यटन विभाग आयोजना द्वारा राशि स्वीकृत की जाएगी। यहां कुरजां के पड़ाव स्थलों को उनके प्रवास के लिए उपयुक्त बनाया जाएगा।
बनेगा प्रवेश द्वार व जलस्रोत, हटेगा जूलीफ्लोरा-
खीचन में कुरजां के लिए आरक्षित की गई वन विभाग की खसरा नं. १५१/२ की २५० बीघा जमीन से जूलीफ्लोरा को हटाकर उपयुक्त घास व पौधे लगाने, करीब १ फीट गहरे व २०-२५ फीट चौड़े वॉटर पॉन्ड का निर्माण, पर्यटन विभाग की खसरा नं. १५३/४९५ में ३ बीघा व १५३ में ९.०९ बीघा भूमि आए हुई नदी से जूलीफ्लोरा हटाने, नदी के पास भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण, पर्यटकों के कुरजां को निहारने के लिए ग्रेवल पाथ,बैठने के लिए रिसेप्शन सेंटर का निर्माण, पार्किंग, बर्ड वॉचिंग पॉइन्ट का निर्माण, रातड़ी नाडी पर कुरजां को आवारा श्वानों से बचाने के लिए चारो तरफ पत्थर लगाकर तारबंदी करने, चुग्गाघर के पास वॉटर पॉन्ड का निर्माण, जूलीफ्लोरा हटाने, कानासर तालाब पर कुरजां की श्वानों से सुरक्षा के लिए तारबंदी आदि कार्य किए जाएंगे। (निसं)
इनका कहना है-
खीचन में कुरजां के पड़ाव स्थलों के विकास के लिए १.५० करोड़ की राशि पर्यटन विभाग द्वारा खर्च की जाएगी। इसके लिए डीपीआर मांगी गई है। डीपीआर तैयार कर पर्यटन विभाग आयोजना को भेजी जाएगी।
महीपाल सिंह, सहायक वन संरक्षक (वन्यजीव), जोधपुर
—————-

ट्रेंडिंग वीडियो