इसमें कार्य का असमान विभाजन, उचित पारिश्रमिक न मिलना और नेतृत्व के मामले में उन्हें पीछे रखे जाना शामिल है। यहां लैंगिक समानता के लिए जरूरी है कि महिलाओं को भी समान अवसर दिए जाने चाहिए। इन उद्योगों में डिजिटल तकनीक बढऩे के बावजूद महिलाओं को डिजिटल संगीत प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन ट्यूटोरियल और साउंड-मिक्सिंग सॉफ्टवेयर जैसे कार्यों के लिए डिजिटल टूल तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यूनेस्को की इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में पुरुषों की तुलना में कम महिलाएं इंटरनेट का उपयोग करती हैं। यहां तक कि यूरोप और उत्तरी अमरीका जैसे विकसित देशों में इलेक्ट्रोनिक संगीत समारोह में महिलाओं की संख्या केवल 21 फीसदी होती है।
बढ़ गई लैंगिक असमानताएं हाल के वर्षों में, लैंगिक समानता और कलात्मक स्वतंत्रता की लड़ाई में डिजिटल प्लेटफॉर्म नया मोर्चा बन गया है। कोरोनाकाल को लेकर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौर में लैंगिक असमानताएं बढ़ी हैं, हालांकि महिलाओं ने इस संकट से निपटने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका
निभाई है।