वैज्ञानिकों ने सूर्य ग्रहण से ही संबंधित एक नई खोज की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने ऐसे तारों को तलाशा है जहां साढ़े 3 साल का सूर्यग्रहण लगता है। इन युगल तारों तथा पृथ्वी के मध्य का अंतराल 1000 प्रकाश वर्ष है। साथ ही वैज्ञानिकों ने इन तारों को टीवाइसी 2505-672-1 नाम दिया है। जहां सबसे अधिक समय के ग्रहण का पता लगाया है। इस शोध की जानकारी एस्ट्रोनोमिकल जर्नल नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है। एस्ट्रोनोमिकल जर्नल नामक मासिक वैज्ञानिक पत्रिका मूल खगोलीय अनुसंधानों को प्रकाशित करती है।
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अपने अनुसंधान के बारे में बताते हुए निजी अनुसंधान विश्वविद्यालय वांडरबिल्ट के विज्ञानी जोए रोड्रिग्स ने कहा कि, इन तारों पर सूर्य ग्रहण की अवधि ज्ञात कर पाना दो विशेष खगोलीय पिंडों की वजह से मुमकिन हुआ है। यह विश्वविद्यालय अमेरिका के टेनेसी शहर में स्थित है।
वैज्ञानिकों ने यह भी अनुमानित किया है कि इसके पश्चात इस प्रकार का अगला सूर्य ग्रहण 2080 में देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार युगल तारा टीवाइसी 2505-672-1 की दूरी काफी अधिक होने के कारण चित्र आदि लेना मुमकिन नहीं हो पाया। इसके अतिरिक्त वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि इसका एक सहयोगी तारा भी है। जिसका तापमान उन्होंने सूर्य की सतह से 2000 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी सहयोगी तारे के कारण एप्सिलोन औरिगी नामक एक विशाल तारे पर बहुत लंबी अवधि का ग्रहण पड़ चुका है। जो कि लगभग 27 वर्षों के लिए पड़ा था। इस विशाल और चमकीले तारे की पृथ्वी से दूरी 22 सौ प्रकाश वर्ष थी।