खास खबर

She News : परिवार का साथ और हौसला ही महिला को बनाता है सशक्त

जबलपुर की ममता बेदी को जीवन के हर पड़ाव पर संघर्ष का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने मुश्किलों को पार करते हुए लोगों की सोच को बदला और अकेले परिवार की जिम्मेदारी को उठाया।

जयपुरApr 18, 2021 / 08:30 pm

Neeru Yadav

She News : परिवार का साथ और हौसला ही महिला को बनाता है सशक्त

नेहा सेन. जबलपुर. ‘मुझे जीवन के हर पड़ाव पर संघर्ष का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने मुश्किलों को पार करते हुए लोगों की सोच को बदला और अकेले परिवार की जिम्मेदारी को उठाया।’ यह कहना है जबलपुर की ममता बेदी का। विवाह के बाद ममता के नए जीवन की शुरुआत हुई, लेकिन खुशियां पल में काफूर हो गईं। ममता बताती हैं कि विवाह के दो माह ही बाद पता चला कि पति को कैंसर है। चार-पांच साल तक इलाज भी चला, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। 1995 में पति का साथ छूट गया।
बच्चे को साथ लेकर जाती थीं
ममता बताती हैं कि पति सरकारी नौकरी में थे। उनकी मौत के छह महीने बाद ही शिक्षक की नौकरी मिल गई। शुरुआत में जबलपुर के नजदीक नौकरी मिली, जहां 4 माह के बच्चे के साथ नौकरी पर जाती थी। मेरी सास मेरे बच्चे को संभालने के लिए मेरे साथ जाती थीं। वह मेरी हर जरूरत का पूरा ध्यान रखती थीं। विपरीत परिस्थितियों में हौंसला बढ़ाती थीं।
सास कहती थीं ‘बहू नहीं बेटा हो’
ममता ने बताया कि उनकी सास ने हर कदम पर उनका साथ दिया। कम उम्र में बेटे की मौत हो जाने के बाद भी वह हमेशा मेरी हिम्मत बढ़ाती रहीं। वह कहती थीं कि तुम मेरी बहू नहीं, बेटा हो। ममता कहती हैं कि समाज में महिलाओं के प्रति सोच में अभी बदलाव की जरूरत है, क्योंकि महिलाओं को लेकर हालात ज्यादा नहीं बदले हैं।
इस समाज में अब भी वही सोच है, जो महिलाओं को आगे बढ़ाने में बाधा पैदा करती है। ऐसी स्थिति में परिवार का सहयोग काफी मायने रखता है। मैने जीवन में कई संघर्ष देखे, लेकिन मेरी सास एवं ननद ने मेरा हौसला कभी टूटने नहीं दिया। सास का सात साल पहले देहांत हो गया, लेकिन उनकी सिखाई बातें हर संघर्ष का मुकाबला करने में मददगार रही हैं। ममता अपनी दो बेटियों और एक बेटे को भी यही सीख देती हैं कि जीवन में हौसलों के बूते हर परिस्थिति का सामना किया जा सकता है।

Home / Special / She News : परिवार का साथ और हौसला ही महिला को बनाता है सशक्त

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.