उन्होंने मारवाड़ के खानपान को नई पहचान दिलाने की कोशिश की है। कौशल्या ने गांव के सरकारी स्कूल में प्रारम्भिक शिक्षा ली। उसके बाद स्वयंपाठी छात्रा के तौर पर स्नातक किया। स्नातकोत्तर करने जब वे जोधपुर आईं तो यहां उन्होंने देखा कि सोशल मीडिया से लोग अपनी कला को प्रसारित कर रहे हैं। गांव वापस लौटकर उन्होंने मारवाड़ी में ही रेसिपी के वीडियो बनाने शुरू किए और उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई।
परिवार ने बढ़ाया हौसला कौशल्या कहती हैं कि शुरुआत में काम को लेकर असमंजस में थी। कई लोगों ने इसे न करने की सलाह दी, लेकिन परिवार ने मेरा हौसला बढ़ाया। देसी अंदाज के चलते आज देश-विदेश में इनके लाखों फैन हैं। दिलचस्प बात यह है कि राजस्थानी पहनावे और माथे पर सजे बोड़ले के साथ वे रेसिपी सिखाती हैं।