मास्क नहीं तो लोग करीब आ गए, लगाया तो दूर चले गए
इस प्रयोग में मार्शियोरी ने पाया कि मास्क पहनने में इस बात का प्रभाव सर्वाधिक है कि हम दूसरे के प्रति कितने संजीदा हैं और अजनबियों को सामना करने के लिए कितने तैयार हैं। महामारी चरम पर होने के मार्शियोरी के सेंसर ने पाया कि जब उनके साथी बिना मास्क पहने फुटपाथ पर जा रहे थे तो राहगीर उनके काफी करीब तक आ गए। लेकिन जैसे ही उन्होंने मास्क लगाए तो राहगीर लगभग दोगुनी दूरी पर चले गए।
इस प्रयोग में मार्शियोरी ने पाया कि मास्क पहनने में इस बात का प्रभाव सर्वाधिक है कि हम दूसरे के प्रति कितने संजीदा हैं और अजनबियों को सामना करने के लिए कितने तैयार हैं। महामारी चरम पर होने के मार्शियोरी के सेंसर ने पाया कि जब उनके साथी बिना मास्क पहने फुटपाथ पर जा रहे थे तो राहगीर उनके काफी करीब तक आ गए। लेकिन जैसे ही उन्होंने मास्क लगाए तो राहगीर लगभग दोगुनी दूरी पर चले गए।
मास्क जरूरी किया तो बढ़ गया आवागमन
येल शोधकर्ताओं के एक समूह ने लाखों स्मार्टफोन पर मास्क ऑर्डर के डेटा का विश्लेषण कर यह जाना कि लोग अपने घरों को कितनी बार और कितनी देर के लिए छोड़ते हैं। साथ ही उनकी यात्रा कहां के लिए है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि प्रशासन ने जैसे ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश के लिए मास्क जरूरी किए, लोग ऐसे स्थानों पर ज्यादा जाने लगे और अधिक देर के लिए। ‘डू फेस मास्क, सिक्योरिटी ए फेक सेंस ऑफ सिक्योरिटी’ नामक रिपोर्ट में उल्लेख है कि मास्क का ज्यादा ऑर्डर करने वाले देशों में लोग अपने घरों से 30 मिनट ज्यादा बाहर बिता रहे हैं, ज्यादातर अनावश्यक।
येल शोधकर्ताओं के एक समूह ने लाखों स्मार्टफोन पर मास्क ऑर्डर के डेटा का विश्लेषण कर यह जाना कि लोग अपने घरों को कितनी बार और कितनी देर के लिए छोड़ते हैं। साथ ही उनकी यात्रा कहां के लिए है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि प्रशासन ने जैसे ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश के लिए मास्क जरूरी किए, लोग ऐसे स्थानों पर ज्यादा जाने लगे और अधिक देर के लिए। ‘डू फेस मास्क, सिक्योरिटी ए फेक सेंस ऑफ सिक्योरिटी’ नामक रिपोर्ट में उल्लेख है कि मास्क का ज्यादा ऑर्डर करने वाले देशों में लोग अपने घरों से 30 मिनट ज्यादा बाहर बिता रहे हैं, ज्यादातर अनावश्यक।
उनके दो पिछले अध्ययन के नतीजे
-शॉपिंग मॉल्स में वॉकवे की चौड़ाई कम होने से घुमावदार दुकान और बाजारों की तरह अधिक खरीदादी के लिए प्रेरित करती है।
-गाय पर मोर्शियरी की प्रारंभिक थीसिस यह थी कि दूर तक खेतों में घूमने-चरने वाली गाय अधिक दूध देती हैं, लेकिन बाद में परिणाम भिन्न आया कि जो गाय अन्य गायों के साथ रहती है, वह अधिक दूध देती है।
-शॉपिंग मॉल्स में वॉकवे की चौड़ाई कम होने से घुमावदार दुकान और बाजारों की तरह अधिक खरीदादी के लिए प्रेरित करती है।
-गाय पर मोर्शियरी की प्रारंभिक थीसिस यह थी कि दूर तक खेतों में घूमने-चरने वाली गाय अधिक दूध देती हैं, लेकिन बाद में परिणाम भिन्न आया कि जो गाय अन्य गायों के साथ रहती है, वह अधिक दूध देती है।