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COVID-19 : मास्क से बदलता है आपका व्यवहार, जानिए कैसे ?

locationजयपुरPublished: Jun 14, 2020 04:18:34 pm

Submitted by:

pushpesh

-इटली के कंप्यूटर विज्ञानी सोशल डिस्टेंसिंग बेल्ट से जाना लोगों का आचरण (Italian computerist going from social distancing belt to conduct people)

COVID-19 : मास्क से बदलता है आपका व्यवहार, जानिए कैसे ?

COVID-19 : मास्क बदलता है आपका व्यवहार

शॉपिंग मॉल्स में वॉकवे की चौड़ाई उपभोक्ताओं के व्यवहार में कैसे फर्क लाती है या जीपीएस के जरिए गाय के मूवमेंट से उसकी गुणवत्ता का अध्ययन से जैसे अनोखे विषयों पर अध्ययन करने वाले इटली के कंप्यूटर विज्ञानी मासिमो मार्शिओरी अब सोशल डिस्टेंसिंग पर प्रयोग कर रहे हैं। इटली में कोरोना ने फरवरी में दस्तक दी थी। मार्शिओरी ने मास्क को लेकर लोगों के व्यवहार को समझने के लिए दुनिया की पहली सोशल डिस्टेंसिंग बेल्ट बनाई। 30 डॉलर की मामूली लागत की ये मशीन एक ग्रे हैंडबैग जैसी दिखती है। इसमें एक छोटा डेटा कार्ड है, रिचार्जेबल बैटरी और सेंसर भी जुड़े हैं। ये सेंसर किसी वस्तु या लोगों की निकटता को माप सकता है। महामारी के दौरान मार्शिओरी खुद की कमर पर सोशल डिस्टेंसिंग बेल्ट बांधकर वेनिस की गलियों में घूमे। इस काम में उनके दोस्तों ने भी उनका सहयोग किया और उनको भी बेल्ट बांधकर दुकानों और फुटपाथों पर भेजा। इस दौरान उन्होंने संपर्क में करीब 12 हजार लोगों की प्रतिक्रिया नोट की, जिसमें चौंकाने वाली बातें सामने आई।
मास्क नहीं तो लोग करीब आ गए, लगाया तो दूर चले गए
इस प्रयोग में मार्शियोरी ने पाया कि मास्क पहनने में इस बात का प्रभाव सर्वाधिक है कि हम दूसरे के प्रति कितने संजीदा हैं और अजनबियों को सामना करने के लिए कितने तैयार हैं। महामारी चरम पर होने के मार्शियोरी के सेंसर ने पाया कि जब उनके साथी बिना मास्क पहने फुटपाथ पर जा रहे थे तो राहगीर उनके काफी करीब तक आ गए। लेकिन जैसे ही उन्होंने मास्क लगाए तो राहगीर लगभग दोगुनी दूरी पर चले गए।
मास्क जरूरी किया तो बढ़ गया आवागमन
येल शोधकर्ताओं के एक समूह ने लाखों स्मार्टफोन पर मास्क ऑर्डर के डेटा का विश्लेषण कर यह जाना कि लोग अपने घरों को कितनी बार और कितनी देर के लिए छोड़ते हैं। साथ ही उनकी यात्रा कहां के लिए है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि प्रशासन ने जैसे ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश के लिए मास्क जरूरी किए, लोग ऐसे स्थानों पर ज्यादा जाने लगे और अधिक देर के लिए। ‘डू फेस मास्क, सिक्योरिटी ए फेक सेंस ऑफ सिक्योरिटी’ नामक रिपोर्ट में उल्लेख है कि मास्क का ज्यादा ऑर्डर करने वाले देशों में लोग अपने घरों से 30 मिनट ज्यादा बाहर बिता रहे हैं, ज्यादातर अनावश्यक।
उनके दो पिछले अध्ययन के नतीजे
-शॉपिंग मॉल्स में वॉकवे की चौड़ाई कम होने से घुमावदार दुकान और बाजारों की तरह अधिक खरीदादी के लिए प्रेरित करती है।
-गाय पर मोर्शियरी की प्रारंभिक थीसिस यह थी कि दूर तक खेतों में घूमने-चरने वाली गाय अधिक दूध देती हैं, लेकिन बाद में परिणाम भिन्न आया कि जो गाय अन्य गायों के साथ रहती है, वह अधिक दूध देती है।
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