दरअसल नगर निगम मेरठ के 2215 सफाई कर्मचारी दिवाली मना तो रहे हैं लेकिन दियों में बिना तेल डालकर। इसके पीछे इन कर्मचारियों का तर्क है कि काफी लंबे समय से वो संविदा पर हैं और उनको पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार ने संविदा से तब्दील करके आउट सोर्सिंग पर कर दिया है। नई सरकार बनने से इनको उम्मीद जगी और लगा कि शायद अब इनको इंसाफ मिलेगा और इनकी संविदा बहाल कर दी जाएगी। इसी उम्मीद में सरकार बदलने के सात बीतने बाद तक ये लोग अपनी बहाली की बाट जोह रहे हैं। लेकिन उनको अब तक ऐसा कोई आश्वासन नहीं मिला। लेकिन फिर भी दिवाली के ऐन मौके पर जब प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री का मेरठ आने का कार्यक्रम तय हुआ तो कर्मचारियों की उम्मीद एक बार फिर बढ़ गई।
दरअसल तय कार्यक्रम के मुताबिक मंगलवार को प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना मेरठ आए थे। मंत्री के शहर में आगमन से कर्मचारियों को उम्मीद जगी थी कि मंत्री जी त्यौहार के समय पर आ रहे हैं, तो उन्हें दिवाली पर बहाली का गिफ्ट देंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। जिससे अब हमारी ये उम्मीद भी टूट गई और हम सभी सफाई कर्मचारियों की दीपावली फीकी ही रहने वाली है। इसलिए हम सब ने यह फैसला किया है कि हम लोग बिना तेल के ही दिवाली मनाएंगे। क्योंकि इन कर्मचारियों का वेतन भी इतना नहीं है कि वो दीपक में तेल डालकर अपना घर रोशन कर सकें।